मयूर ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कारपोरेशन मुहम्मद माजिद हुसैन ने अपने ओहदे से स्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने अपना मकतूब स्तीफ़ा कमिशनर सोमेश कुमार को हवाला किया और कहा कि वो अपनी पार्टी क़ियादत की हिदायत पर ओहदे से मुस्ताफ़ी होरहे हैं।
याद रहे कि बलदिया हैदराबाद में कांग्रेस और मजलिस के दरमियान मुफ़ाहमत की रो से मयूर का बाविक़ार ओहदा इबतिदाई दो बरस कांग्रेस अपने पास रखेगी और माबक़ी दो बरस मजलिस के पास ये ओहदा रहेगा और आख़िरी एक साल ये ओहदा फिर से कांग्रेस रखेगी।
इस मुआहिदे की रो से मयूर का ओहदा जिस पार्टी के पास होगा उसकी हलीफ़ पार्टी के पास डिप्टी मयूर का ओहदा होगा। जनवरी के अवाइल हफ़्ते में माजिद हुसैन की दो साला मीआद इख़तेताम पज़ीर होगई थी ताहम वो इस ओहदे से मुस्ताफ़ी नहीं हुए जबकि कांग्रेस के कारपोरेटरस की तरफ से मयूर का ओहदा कांग्रेस को लौटा देने की मांग की जा रही थी ताहम तक़सीम रियासत की कार्रवाई में दोनों पार्टियों की क़ियादत मसरूफ़ रहने के बाइस एसा नहीं किया जा सका था।
समझा जाता है कि कांग्रेस और मजलिस के दरमियान आइन्दा आम चुनाव में खु़फ़ीया मुफ़ाहमत जारी रहेगी जिस के हिस्सा के तौर पर ये ओहदा कांग्रेस को वापिस लौटाया जा रहा है और मयूर को मजलिस हैदराबाद यह सिकंदराबाद के किसी एक असेंबली हलक़ा से उम्मीदवार बनाया जाएगा।
स्तीफ़ा के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए माजिद हुसैन ने कहा कि वो क़ियादत की हिदायत पर ओहदे से मुस्ताफ़ी होरहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और मजलिस के दरमियान 2009 के बलदी चुनाव के बाद मुआहिदा की रो से वो अपने ओहदे से मुस्ताफ़ी होरहे हैं।
मुस्ताफ़ी होने में ताख़ीर की वजूहात से मुताल्लिक़ पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी क़ियादत ने इस मुआहिदे का हाल ही में जायज़ा लिया और उन्हें मुस्ताफ़ी होजाने की हिदायत दी। समझा जाता है कि मयूर के स्तीफ़ा की जनरल बॉडी मीटिंग में मंज़ूरी के लिए एक ख़ुसूसी मीटिंग 22 मार्च को तलब किया जाएगा। बादअज़ां इस ओहदे पर चुनाव के लिए शेडूल जारी किया जाएगा।