मेरठ के हिंदू परिवार ने लखनऊ जेल में पाकिस्तानी आबिद से की मुलाकात, संदेह बरकरार, डीएनए टेस्ट की मांग की

कंकर खेड़ा, मेरठ निवासी महेश देवी, पवन कुमार व उनके परिवार की सुरक्षा की गांरटी करे सरकार- रिहाई मंच

मेरठ से आए हिंदू परिवार ने लखनऊ जेल में पाकिस्तानी आबिद से मुलाकात की। उनका संदेह अभी बरकरार है कि वो आबिद ही है या प्रवीण। मेरठ निवासी महेश देवी और उनके बेटे पवन कुमार ने कहा कि उसका चेहरा, पैर और माथे का निशान, दांत की बनावट, लंबाई और बोलने का तरीका काफी मिलता जुलता है। उन्होंने कहा कि बात करते समय उसकी आंखों में भी नमी थी पर वह मुस्कुराता रहा और आबिद ने कहा कि वह उनका बेटा नहीं है। आबिद को जब महेश देवी और पवन ने प्रवीण का पुराना फोटो दिखाया तो उसने भी कहा कि यह फोटो उससे काफी मिलती है। परिजनों का यह भी कहना है कि चूंकि उसके सर के बाल काफी गिर चुके हैं और उसने लम्बी दाढ़ी भी रखी हुई है इसलिए करीब दस साल बाद उससे मिल कर पहचान पाना बहुत आसान भी नहीं हो सकता है। परिजनों का कहना हैं कि जेल में एसटीएफ, एटीएस, पुलिस और खुफिया के करीब दस लोगों की मौजूदगी थी, ऐसे में वह दबाव में भी हो सकता है इसलिए डीएनए टेस्ट कराया जाए। उनका यह भी कहना है कि वैसे भी बिना डीएनए टेस्ट कराए सरकार भी उसे प्रवीण कुमार मान कर नहीं छोड़ती और ना ही हम भी उसे बिना डीएनए टेस्ट कराए प्रवीण कुमार मान लेते।

अपने खोए भाई प्रवीण को दस साल से खोज रहे पवन ने कहा कि अगर वह कह भी देता कि वो उनका भाई है तब भी उसे हम बिना डीएनए टेस्ट कराए अपना भाई नहीं मान लेते क्योंकि उसे पाकिस्तानी आतंकी होने के आरोप में सजा हुई है। महेश देवी और पवन ने यह भी कहा कि ऐसा असम्भव नहीं है कि दो लोगांे की शक्लें एक दूसरे से हूबहू ना मिलतीं हों। ऐसे में हम किसी भी अनजान व्यक्ति को सिर्फ शक्ल सूरत मिलने के आधार पर अपने घर में अपना भाई मान कर कैसे रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी आशंका को दूर करने के लिए आबिद और हमारे परिवार के लोगों का डीएनए टेस्ट कराया जाए ताकि सच्चाई साफ हो सके।