इलहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर वुकला का एक ताज़ियती जलसा आज यहां हुआ जिस में बैनुल-अक़वामी शोहरत याफ़ता के शायर मेराज फ़ैज़ाबाद के इंतिक़ाल पर गहरे रंज-ओ-ग़म का इज़हार किया गया और उनके इंतिक़ाल को अदबी, मुशाविरों के नुक़्सान बताया।
ताज़ियती जलसा में मुश्ताक़ अहमद सिद्दीक़ी ऐडवोकेट जो ख़ुद ही फ़ैज़ाबाद के हैं, ने कहा कि मेराज फ़ैज़ आबादी जैसे क़ादिर-उल-कलाम और बड़े शायर बड़ी मुद्दत के बाद पैदा होते हैं। उनकी रोहलत से मुशायरे की दुनिया को जो ज़बर्दस्त नुक़्सान पहूँचा है इस पर होने के बज़ाहिर कोई आसार मंज़र नहीं आते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके अशार आज भी बहुत से लोगों को अज़बर हैं। जलसा में सीनियर वकील मुहम्मद वसीम ऐडवोकेट ने कहा कि मेराज जैसे अज़ीम शायर बहुत कम होते हैं। वो मुशायरों की जान और मुशायरों को लूट लेने की अलामत सम्झे जाते थे। जलसा में मुहम्मद शमीम ऐडवोकेट, फ़ारूक़ अहमद ऐडवोकेट, सौलत वसीम ऐडवोकेट, मुहम्मद नदीम ऐडवोकेट, आफ़ताब अहमद सिद्दीक़ी समेत मुतअद्दिद वुकला ने शिरकत की।