यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने संसद में लगातार चल रहे हंगामे को देखते हुए पक्ष और विपक्ष दोनों को संयम रखने का संदेश दिया है। इसके लिए उन्होंने अपने दस साल के पोते का जिक्र करते हुए कहा, ”जब मैं टीवी पर संसद का हंगामा देखता हूं, तो पोता आकर कहता है कि दादा जी ये क्या देखते रहते हैं। संसद से अच्छा अनुशासन तो मेरे स्कूल का है।”
आगे बोलते हुए नाईक ने कहा, ”संसद के बाहर जो संस्कृत में श्लोक लिखा है, उसे सभी को याद रखना चाहिए। मुझे आश्चर्य होता है कि इतनी अच्छी शिक्षा उस श्लोक में है और उसे पढ़ने के बाद भी लोग ऐसा करते हैं, ये समझ से परे है।” ये बातें राज्यपाल ने शुक्रवार को काशी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कहीं।