मेरा भाई दहशतगर्द था, लाश ले जाने किया इंकार

पटना सीरियल धमाके में जख्मी आइएम के दहशतगर्द तारिक उर्फ ऐनुल की जुमेरात की देर रात 1:10 बजे आइजीआइएमएस मौत हो गयी। लेकिन, उसके भाई तौहिद ने उसका लाश ले जाने से इनकार कर दिया। तौहिद ने कहा, मेरा भाई दहशतगर्द था। मैं और मेरा खानदान उसका लाश नहीं ले जायेंगे।

लाश का पोस्टमार्टम जुमा को पीएमसीएच में मजिस्ट्रेट की देखरेख में चार रुकनी मेडिकल बोर्ड ने किया। पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिग भी करायी गयी है। पोस्टमार्टम के बाद पटना रेल थाने के इंस्पेक्टर राम पुकार सिंह ने जब उसके भाई से फोन पर लाश लेने जाने की बात कही, तो वह काफी गुस्से में था। उसने कहा कि मेरा भाई दहशतगर्द था, इसलिए मैं उसकी लाश नहीं ले जाऊंगा। फिलहाल ऐनुल की लाश रेल पुलिस के पास महफूज है। पुलिस एक बार फिर उसके खानदानों से लाश ले जाने की गुजारिश करेगी। अगर कोई भी लाश ले जाने के लिए तैयार नहीं होगा, तो पुलिस की देखरेख में उसका उसे दफना दिया जायेगा।

27 अक्तूबर की सुबह साढ़े नौ बजे पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 वाक़ेय टॉइलेट में बम में बैटरी लगाने के दौरान हुए धमाके में ऐनुल श्दीद तौर से जख्मी हो गया था। उसके सिर के कई हिस्सों में लोहे के कई एसप्लिंटर लगे थे। उसे आइजीआइएमएस के आइसीयू में भरती कराया गया था। ज़राये के मुताबिक, मरने के पहले उसने ब्लास्ट से मुतल्लिक़ पुलिस को बयान भी दिये हैं। हालांकि, इसकी तसदीक़ नहीं हुई है।

ऐनुल रांची के धुर्वा थाने के सिठियो का रहनेवाला था। उसके वालिद का नाम अताउल्ला है। पुलिस ने धमाके के बाद भाग रहे तारिक के साथी इम्तियाज आलम को दो बमों के साथ पकड़ लिया था। हालांकि, एक बम गैर फ़ाल करने के बाद धमाका हो गया था। इसमें बम निरोधक दस्ते के नवीन कुमार साह जख्मी हो गये थे। ऐनुल समेत छह दहशतगर्दों के खिलाफ पटना रेल थाने और गांधी मैदान थाने में नामजद सनाह दर्ज की गयी थी। नामजद छह दहशतगर्दों में चार अब भी पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं।