मेरा शौहर लाख शराबी होगा उन का हर हुक्म मानना मेरा फ़र्ज़ है

मेरे शौहर शराबी हैं अक्सर नशा में धुत रहते हैं लेकिन मुझे उन से कोई शिकायत नहीं है । दिल के वो अच्छे इंसान हैं । घर के ख़र्च के लिए यौमिया 100 ता 150 रुपय दे ही देते हैं । हमारा ख़्याल रखते हैं । उन की ताबेदारी फ़रमांबर्दारी और हर हुक्म पर हाँ कहना मेरा फ़र्ज़ है । वो गालियां दें या मार पीट करें । मुझे तो उन ही के साथ रहना है । उन की ही ख़िदमत करते हुए ज़िंदगी गुज़ारनी है ।

मैं नहीं चाहती कि कोई मेरे शौहर पर ताने कसे उन्हें बुरा भला कहे । मेरे शौहर ही मेरे लिए सब कुछ हैं । मुझे ये भी हरगिज़ गवारा नहीं कि इन की नींद में ख़लल पैदा हो । एक वफ़ा शआर और शौहर की ख़िदमत गुज़ार एक बीवी के ये अलफ़ाज़ पढ़ कर आप समझ रहे होंगे कि किसी इंतिहाई तालीम याफ्ता दीनी-ओ-दुनयवी उलूम से अच्छी तरह वाक़िफ़ इस ख़ातून की ज़बान से ये अलफ़ाज़ अदा हुए होंगे जो अपने शराबी शौहर के ऐबों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है ।

लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि शौहर वो भी एक शराबी शौहर की इस अंदाज़ में ख़िदमत इस के साथ हमदर्दी और इस के हर हुक्म पर हाँ कहने वाली ये ख़ातून दरअसल फ़ातिमा नगर वटे पल्ली की रहने वाली गौरी बी हैं जिस ने अपनी ज़िंदगी में किसी स्कूल का दरवाज़ा भी नहीं देखा लेकिन अपने ख़ाविंद के तएं ऐसे अन पढ़ ख़ातून का जज़बा एस्सार-ओ-वफ़ा शआरी इस क़दर मज़बूत है कि अक्सर तालीम याफ्ता ख़ानदानी ख़वातीन और औरतें भी शायद उन खूबियों से महरूम होंगी ।

क़ारईन 40-45 साल उम्र की गौरी बी के शौहर एक रिक्शा रां हैं जो दिन भर रिक्शा चलाते हुए अपनी बीवी और 7 बच्चों का पेट पालते हैं । इस जोड़े को 6 लड़कियां और दो लड़के हैं इस में से एक लड़की की शादी हो चुकी है । पुराना पुल से गुज़र रहे थे कि हमारी नज़र एक बुर्क़ा पोश ख़ातून पर पड़ी जो एक रिकशा के पीछे बहुत ही सब्र-ओ-तहम्मुल से खड़ी थी और वो वक़फ़ा -वक़फ़ा से रिकशा में सो रहे शख़्स को देख रही थी

हम ने देखा कि वो सिर्फ़ रिकशा में सो रहे शख़्स पर नज़र डालती लेकिन उसे बेदार करने की कोशिश नहीं करती इस मंज़र को कुछ देर देखने के बाद हम इस रिकशा के करीब पहूंच गए और ख़ातून से दरयाफ्त किया कि आख़िर आप यहां क्यों ठहरी हैं ? इस ख़ातून ने बताया कि इन के शौहर शराब के आदी है और रिकशा चलाता है ।

रात में शौहर के घर ना पहूंचने पर ये ख़ातून उस की तलाश में सुब्बा होते ही निकल पड़ी । फ़ातिमा नगर वटे पल्ली से पैदल इस नेक सिफ़त-ओ-शौहर परस्त ख़ातून ने पहले धूल पेट मंगल हॉट इलाक़ों में उसे तलाश किया क्यूं कि उसे अच्छी तरह अंदाज़ा है कि इन इलाक़ों में शराब मिलती है । उसे पूरा यक़ीन था कि इस का शौहर शराब पी कर उन ही इलाक़ों की किसी सड़क या फुटपाथ के किनारे पड़ा होगा ।

ताहम धूल पेट मंगल हॉट में इस का पता नहीं चला और वापसी में जब पुराना पुल की सड़क किनारे देखा तो उन का शौहर अपने रिकशा में सोता हुआ पाया गया दरअसल वो हालत नींद में नहीं था बल्कि नशा में धुत था । इस ख़ातून ने अपना नाम गौरी बी और शौहर का नाम बशीर बताया ।

गरीब गौरी बी उन लड़कियों के लिए एक बड़ा सबक़ हैं जो अपने शौहरों की इज़्ज़त नहीं करतीं इन्हें अहमियत नहीं देती बल्कि उन के हर हुक्म को टालना अपनी ज़िंदगी का मक़सद समझती हैं लेकिन वो अच्छी तरह जानती है कि इन की ज़िंदगियां चैन-ओ-सुकून ज़िंदगी के हक़ीक़ी लुत्फ़ से यकसर महरूम है ।