ईरान में 25 अक्तूबर को फांसी की सज़ा पाने वाली रिहाना जब्बारी ने पहले ही अपनी माँ को ख़त लिख कर अपनी मौत के बाद अपने आज़ा को अतीया कर देने की ख़ाहिश का इज़हार किया।
दिलों को झिंझोड़ कर रख देने वाला ये ख़त अप्रैल में ही मौसूल हो गया था लेकिन ईरान में अमन के हामी कारकुनों ने ये ख़त रिहाना की फांसी के एक दिन बाद आम किया। दुनिया भर की इंसानी हुक़ूक़ की तंज़ीमों और बैनुल अक़वामी कोशिशों के बावजूद क़त्ल के इल्ज़ाम में तक़रीबन 7 साल से क़ैद रिहाना को फांसी दे दी गई।