मेवात में महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल बनी मुस्लिम महिला

मेव बाहुल्य क्षेत्र मेवात जिसको सभी पुरुष प्रधान समाज मानते है। वहां पर उजाला महिला संगठन में काम करने वाली जैबुना आज पूरे इलाके के लिए अनूठी मिसाल बनी हुई है। पिछले 3 सालों से स्वयं सहायता समूह चला रही है जैबुना। वह निहायती गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसका पति पिछले 3 साल से टीवी की बीमारी से पीड़ित है।

जिसके बाद जैबुना को स्वयं सहायता समूह के बारे में पता चला। तब से 11 अन्य महिलाओं को जोड़कर जैबुना ने एक स्वयं सहायता समूह बनाया। जिसमें सभी महिलाओं ने 10 -10 रुपये जोड़कर एक खाता खोला और कुछ समय बाद उस समूह की महिलाओं ने अपना स्वयं का रोजगार शुरू कर दिया। स्वयं सहायता ग्रुप की प्रधान जैबुना ने गांव में पंचायत की 9 एकड़ जमीन को पट्टे पर लेने के लिए खुली बोली लगाई गई। महिला संगठन ने तीन लाख साठ हजार रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाकर पुरुषों को चोंकाते हुए पट्टे अपने नाम कर लिए।

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उसने ग्राम पंचायत की 9 एकड़ भूमि को 2 साल के लिए पट्टे पर लिया गया है। जिस पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कृषि की जाएगी तथा उससे होने वाली आदमी को समूह की किसी भी महिला को जरूरत पड़ेगी तो उसे एक परसेंट के ब्याज के हिसाब से रुपए दे दिए जाएंगे। ग्रुप के प्रधान जैबुना का कहना है कि इस जमीन पर मौसम के हिसाब से सब्जियों की खेती की जाएगी जो भी मुनाफा होगा उसे समूह के खाते में जमा किया जाएगा।

आपको बता दें कि पूर्व में भी संगठन की प्रधान जैबुना ने सचिवालय चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समक्ष मेवात का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। हमेशा पर्दे में जीवन यापन करने वाली महिला जैबुना अपने घर की आजीविका को चलाने के लिए लगातार सराहनीय काम कर रही है। गांव की महिलाएं आजीविका कमाने के लिए लगातार आगे आ रही हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों और जिम्मेदारी के प्रति जागरुक होना चाहिए।