तलबा-ए-मुस्तक़बिल के मुअम्मार होते हैं तलबा-ए-अगर सख़्त मेहनत, जुस्तजू और लगन के साथ इल्म हासिल करने में मुनहमिक हो जाय तो कामयाबीयों के शाहराह पर कई संग-ए-मेल उबूर करके तारीख़ रक़म कर सकते हैं और अपने फ़ैज़ान से इल्म और क़ौम-ओ-मिल्लत की ख़िदमत कर सकते हैं।
मेहनती तलबा-ए-क़ौम का हक़ीक़ी असासा होते हैं। इन हक़ायक़ का इज़हार जनाब ख़ालिद महमूद हेडमास्टर गर्वनमेंट (Government) हाई स्कूल उर्दू मीडियम चिन्तल वरंगल ने मदर्सा हज़ा के जमात नहम के तलबा-ए-की जानिब से जमात दहम के तलबा-ए-के एज़ाज़ में मुनाक़िदा विदाई तक़रीब ब तारीख़ 28 फरवरी बरोज़ चहारशंबा को मुख़ातब करते हुए कहा।
एस एस सी में नुमायां कामयाबी रोशन मुस्तक़बिल की बुनियाद साबित होती है। उन्हों ने तलबा से अपील की कि वो इमतियाज़ी निशानात हासिल करके जमात नहम के तलबा के लिए एक अच्छी नज़ीर पेश करें। ये तक़रीब तलबा-ए-में दोस्ती और अदब के जज़बात को प्रवान चढ़ाने में मुआविन साबित होती हैं।
मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से जनाब मुहम्मद अबदुल मन्नान प्राइमरी हेडमास्टर मदर्सा हज़ा और मुहतरमा फ़र्ज़ाना टीचर ने शिरकत की। मदर्सा हज़ा के मुक़र्ररीन असातिज़ा जनाब मुहम्मद इस्माईल, मिस्टर टी प्रभाकर, जनाब मुहम्मद नफ़ीस ख़ान, जनाब मुहम्मद अबदुल सत्तार, जनाब मुहम्मद रफ़ीक़ अहमद, जनाब मुहम्मद शरफ़ उद्दीन महमूदी, मुहतरमा बिलकीस बानो और मुहतरमा मीना टीचर एस एम सी मेम्बर ने ख़िताब किया और तलबा ज़र्रीन मश्वरों से नवाज़ा।
जमात नहम के तलबा गोसिया सुलताना, नीलोफ़र अख़तर, फ़रीसा फ़ातिमा, शाज़ीया वग़ैरा ने जलसा को मुख़ातब करते हुए अपने अपने एहसासात का अज़हा रुख् किया। तक़रीब का आग़ाज़ नीलोफ़र अख़तर की हम्द बारी ताला से हुआ। जमात नहम की तालिबा शाज़ीया ने इस्तिक़बालीया कलिमात पेश किए। इस मौक़ा पर औलयाए तलबा और एस एम सी कमेटी के मेम्ब्रान की कसीर तादाद शरीक तक़रीब थी। जमात नहम की तालिबा मिस गोसिया ने तमाम से इज़हार-ए-तशक्कुर किया।