मेहनत और दियानतदारी के सहारे तरक़्क़ी की ज़िंदा मिसाल श्री साई बाबा स्टील पैलेस

हुसैनी आलम की कमान से मुत्तसिल हैदराबाद में एक दो मंज़िला शानदार शोरूम ही सिरी साई बाबा स्टील पैलेस जहां घरेलू ज़रूरीयात की हर शए इंतिहाई वाजिबी दाम पर दस्तयाब है। ये शानदार शोरूम अपने मालिक जनाब गंदुम रामानंद साहिब की सख़्त मेहनत और दियानत दारी की ज़िंदा मिसाल है जिन्हों ने बगै़र किसी सरमाया के अपना कारोबार शुरू किया।

वो माहाना 80 रुपय तनख़्वाह पर 1960-ए-में आर टी सी में मुलाज़िम हुई, चूँकि आमदनी अख़राजात के लिए काफ़ी नहीं थी उन्हों ने माहाना सेविंग्स स्कीम का आग़ाज़ किया। स्कीम के कार्ड छपवाने के लिए भी उन के पास रक़म नहीं थी, उन्हों ने प्रैस से नमूनों के मुफ़्त कार्ड्स हासिल किए और स्कीम शुरू करदी। इन कार्ड्स को बाद में कार्ड्स छपवाकर तब्दील कर दिया।

दियानतदारी से कारोबार करने पर इस में दिन बह दिन तरक़्क़ी हुई चुनांचे आर टी सी में 15साल ख़िदमात अंजाम देने के बाद उन्हों ने मुलाज़मत से रज़ाकाराना सुबकदोशी हासिल की और हुसैनी इलम में साई बाबा स्टील पैलेस क़ायम किया। वज़ीफ़ा याब मुलाज़मीन की ख़िदमात हासिल करके उन से घर घर तशहीर करवाई। बाद में स्कीम में तौसीअ देते हुए स्कूली तलबा के चार आना बचत स्कीम के कार्ड्स शुरू की। स्कीम की मुद्दत के इख़तताम पर अदा की जाने वाली यकमुश्त रक़म तलबा के किताबों, कापियों, स्कूल बयागस वग़ैरा के लिए इस्तिमाल की जाती थी।

अगनदम रामानंद साहिब पर वैसे ही हक़ जमाती हैं जैसे बेटियां अपने वालिद पर जमाया करती हैं। जनाब रामा ननदम की बेलौस और मुस्तक़िल ख़िदमात पर उन्हें ग्लोबल इकनॉमिक कौंसल का राष्ट्रीय रतन ऐवार्ड भी हासिल हो चुका है, लेकिन जनाब रामाननदम आज भी अपने ग्राहकों के एतिमाद, ख़ुलूस और मुहब्बत को अपना हक़ीक़ी ऐवार्ड समझते हैं जिस ने मामूली पैमाना पर आग़ाज़ किए हुए कारोबार को सिरी साई बाबा स्टील पैलेस के शानदार शोरूम में बदल दिया, घड़ियां, अलमारीयां, वाटर कूलर, रेफ्रीजरेटर, अर कूलर, एयरकंडीशनड, वाशिंग मशीन, स्टील की तमाम मसनूआत, पकवान की ज़रूरत की तमाम मसनूआत, उल-ग़र्ज़ घरेलू ज़रूरत का तमाम सामान दस्तयाब है। अक़सात पर स्कीम के ज़रीया भी सामान की फ़राहमी का सिलसिला जारी है। तफ़सीलात के लिए फ़ोन नंबर 24578260 है।