मैंने राम मंदिर के लिए जान की बाज़ी लगाई है, मंदिर बनकर रहेगा- उमा भारती

भाजपा सांसद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ‘आजतक’ के फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ में हिस्सा लेते हुए उमा भारती ने कहा कि वो ना टायर हैं ना रिटायर और आखिरी सांस तक राजनीति करती रहेंगी. ‘सीधी बात’ में  उमा भारती ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वो अपना बेहतर एडिशन मानती हैं और उनके रास्ते में कोई बाधा नहीं आने देंगी. उन्नाव, कठुआ जैसी घटनाओं पर उमा भारती ने कहा कि इन्हें राजनीति की नजर से नहीं देख सकते और पीड़ित लड़कियों को लेकर उनके अंदर की महिला जगेगी ही जगेगी.

राम मंदिर पर उमा भारती का कहना है कि इसके लिए उन्होंने जान की बाजी लगाई है और वो बन कर रहेगा.

उमा भारती से जब पूछा गया कि पैटर्न तो सरकार का भी बदला है, राम सर्किट की बात होती है लेकिन रामलला तंबू में ही नज़र आते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘तीन बार मुझे लगा कि मैं मर सकती हूं,एक था राम मंदिर , एक था कर्नाटक में तिरंगा फहराना और एक बार मध्य प्रदेश में जब सरकार बनाने की बात आई और जिस प्रकार से मेरा मुकाबला किया था दिग्विजय सिंह ने पूरी फोर्स के साथ, उसमें तो मुझे अपने आप को झोंकना पड़ा था क्योंकि बीजेपी वहां पर कमज़ोर हो चुकी थी. उसमें मुझे स्टीरॉयड्स खाने की नौबत आ गई थी.

“मैंने तो राम मंदिर के लिए जान की बाज़ी लगाई है, मंदिर बनकर रहेगा, राम लला बैठे हैं, वहीं मंदिर बनेगा, कोर्ट के अंदर दो तरह की सुनवाई चल रही है, एक ये कि क्या हमने कोई कॉन्सपिरेसी की तो मैंने साफ कह दिया कॉन्सपिरेसी की ज़रूरत तो तब होती है जब चोरी छिपे काम हो रहा हो, खुले आम खड़े हैं गोली खाने के लिए कहां की कॉन्सपिरेसी.”

उमा ने कहा, ‘दूसरा कि वो जगह राम जन्म भूमि है कि नहीं, वो प्रमाणित हो गया. मैं कहती हूं कि सभी दलों के नेता बैठ जाएं और बात कर लें क्योंकि वो जगह जो है, हिंदुओं के इष्ट देवता हैं राम, बाबर के मुसलमानों के इष्ट देवता होने की बात नहीं कही जा सकती. आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट भी हो सकता है, वर्ना हम तो कोर्ट के फैसले का इतंज़ार करेंगे, लेकिन जहां राम लला बैठे हैं मंदिर तो वहीं बनेगा.’