नई दिल्ली, २८ नवंबर (एजेंसी) साबिक़ एम पी सैयद शहाब उद्दीन ने वज़ीर-ए-आला गुजरात नरेंद्र मोदी को जो खुला ख़त तहरीर किया था इसकी वजह से उन्हें मुसलमानों की शदीद तन्क़ीदों का सामना है लिहाज़ा अब उन्होंने बौखलाकर मोदी के तईं अपने मौक़िफ़ की वज़ाहत करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ किया उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया ।
याद रहे कि शहाब उद्दीन ने नरेंद्र मोदी को तहरीर किए गए खुले ख़त में कहा था कि 2002 के मुस्लिम कश फ़सादाद के बावजूद नौ शराइत ऐसी हैं जिनकी तकमील अगर नरेंद्र मोदी करें तो उन्हें एक बार फिर मुसलमानों की ताईद हासिल हो सकती है । खुले ख़त का मतन जैसे ही आम हुआ मुसलमान उल्मा की जानिब से शहाब उद्दीन पर तन्क़ीदों के तीर बरसने लगे जिस पर बौखला कर उन्होंने कहा था कि वो दरअसल अपर क्लास के मुसलमानों को इंतेबाह देना चाहते थे कि वो अपने मुस्तक़बिल के फ़ैसलों पर नजरेसानी करें और कोई भी फ़ैसला सोच समझ कर करें ।
उन्होंने अपना मौक़िफ़ ज़ाहिर करते हुए कहा कि खुला ख़त ग़लती से जवाइंट कमेटी फ़ार मुस्लिम आर्गेनाईज़ेशंस फ़ार इम्पावरमेंट के लेटर हेड पर तहरीर कर दिया गया था शहाब उद्दीन इस तंज़ीम के रुकन हैं । उन्होंने इस ग़लती के लिए माज़रत ख़्वाही कर ली ।
शहाब उद्दीन ने कहा कि खुले ख़त में ये वाज़िह तौर पर तहरीर किया गया था कि गुजरात में चूँकि इंतेख़ाबात बहुत क़रीब हैं लिहाज़ा मुसलमान मोदी को वोट देने से क़बल एक बार नहीं बल्कि कई बार सोचें क्योंकि मोदी ने गुजरात में मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया ।
शहाब उद्दीन ने ये वज़ाहत अपने एक और ख़त के ज़रीया दी है जिसकी नक़ूल अरशद मौला और मौलाना नामानी तारिक़ अनवर ज़फ़रुल इस्लाम डाक्टर मंज़ूर आलम और मुहम्मद अहमद को रवाना की गई थीं । जहां तक उर्दू प्रेस और मुसलमानों का सवाल है तो शहाब उद्दीन के मौक़िफ़ को इन का शख़्सी एजंडा तसव्वुर किया जा रहा है क्योंकि शहाब उद्दीन की दुख़तर बिहार में जे डी (यू) बी जे पी इत्तेहादी हुकूमत में वज़ीर के ओहदा पर फ़ाइज़ हैं लिहाज़ा ये मुम्किन है कि शहाब उद्दीन को बी जे पी ने मुसलमानों और मोदी के दरमियान मुसालहत करवाने के लिए इस्तेमाल किया होगा ।