लंदन 27 नवंबर (एजैंसीज़) क्रिकेटर से सियासतदां बन जाने वाले इमरान ख़ान ने अपनी नई किताब में तलाक़ के मुताल्लिक़ काफ़ी मालूमात आफ़रीन बातें कही हैं। उन्हों ने कहाकि अल्लाह तआला ने जिन हलाल चीज़ों में अगर किसी चीज़ को नापसंद किया है तो वो तलाक़ है और ये बिलकुल सही बात है कि तलाक़ के बाद हालात से समझौता करना आसान नहीं होता।
उन्हों ने ख़ुद अपनी शादी जो उन्हों ने बर्तानवी हसीनीह जमीमा गोल्ड असमथ से की थी, की नाकामी का भी ज़िक्र किया। इन पाकिस्तान : ए पर्सनल हिस्ट्री नामी किताब में इमरान ख़ान ने वाज़ेह तौर पर तहरीर किया है कि वो सयासी और शादीशुदा ज़िंदगी के इमतिज़ाज को बरक़रार रखने में नाकाम होगए। शादी के बाद छः हफ़्ते के अंदर ही हालात ने ऐसा मोड़ इख़तियार किया कि इन की शादी तलाक़ की जानिब बढ़ने लगी और बिलआख़िर तलाक़ होगई। उन्हों ने कहाकि शादी के बाद के छः माह (तलाक़ तक) और तलाक़ के बाद गुज़रने वाले छः माह उन की ज़िंदगी के बदतरीन और मुश्किल तरीन अय्याम थे।
तलाक़ ने उन के दो बेटों पर भी मनफ़ी असरात मुरत्तिब किए जो उस वक़्त आठ और पाँच साल के थे। दी टेलीगराफ़ ने इमरान ख़ान के हवाला से कहाकि सुलेमान चूँकि बड़ा बेटा था लिहाज़ा तलाक़ के असरात इस पर ज़्यादा हुए और इमरान हमेशा सुलेमान की तड़प और मायूसी को देख कर ख़ुद भी तड़प जाया करते थे। मैं आज भी अपने दो बेटों की कमी महसूस करता हूँ और ये बात भी अपनी जगह मुस्लिमा है कि बेटों की जुदाई से जो ख़ला पैदा हुआ है वो आज तक पुर नहीं होसका।
मुझे अपने बाप बनने पर बेहद फ़ख़र था लेकिन जब आज में अपने बेटों को अपने आस पास नहीं पाता तो मुझे बेहद दुख होता है। मुझे पहली बार महसूस हुआ कि किस तरह कुछ लोग तलाक़ के बाद ज़िंदगी से ही बेज़ार होजाते हैं और जीना नहीं चाहती। इमरान ख़ान से 21 साला जमीमा गोल्ड असमथ की शादी 1995 -ए-में हुई थी ।