ऐसा लगता है कि बीजेपी की लीडर सुषमा स्वराज 2004 के अपने अहद को लेकर अब भी अफसोस जताने के हक में नहीं है कि सोनिया गांधी के वज़ीर ए आज़म बनने पर वह अपना सिर मुंड़ा लेंगी | कांग्रेस सदर सोनिया गांधी के गैर मुल्की नस्ल का मुद्दा एक बार फिर सामने आने पर सुषमा स्वराज ने कहा कि वह अब भी उनके (सोनिया के) वज़ीर ए आज़म बनने के ख्याल के खिलाफ हैं.
सुषमा ने यहां एक प्रोग्राम में कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि सोनिया गांधी हमारे मुल्क में इंदिरा गांधी की बहू और राजीव गांधी की बीवी के तौर पर आई थीं और इस तरह वह हमारे प्यार और मुहब्बत की हकदार हैं. कांग्रेस सदर के तौर पर वह हमारे एहतेराम की हकदार हैं. लेकिन अगर वह वज़ीर ए आज़म बनना चाहती हैं तो मैं नहीं कहूंगी |
वह कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह के उस तिरछे हमले पर तब्सिरा ज़ाहिर कर रही थीं कि उन्होंने (सुषमा) 2004 में एनडीए की हार के बाद सिर मुंडाने की धमकी क्यों दी थी जब सोनिया गांधी के वज़ीर ए आज़म बनने की बात चल रही थी |
लोकसभा में अपोजिशन की लीडर ने कहा कि मुल्क 150 साल से ज़्यादा बैरूनी हुक्मरानी के तहत रहा था और आजादी के लिए कई लोगों ने अपनी कुरबानी दिए थें उन्होंने कहा कि अगर 60 साल की आजादी के बाद, हम किसी गैर मुल्क की रहने वाली को आला ओहदे पर बिठाते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि 100 करोड़ लोग नाअहल हैं और इससे लोग के मुतास्सिर होगे और यही वजह थी कि मैंने 1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ी और यह मेरे लिए एक मिशन था. बेल्लारी में, मैं लड़ाई हार गई लेकिन जंग जीत गई |