भारत माता की जय बोलने को लेकर इस देश में जंग जैसे माहौल बनते जा रहे है ।असदउद्दीन ओवैसी के भारत माता की जय न बोलने को लेकर दिन व दिन खतम होने की बजाए लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बीते दिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी ओवैसी का समर्थन करते हुए उमर ने बयान दिया कि मुझे भारत मां की जय कहने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह मैं आपकी खुशी के लिए जय नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि नारा देना, ना देना ये अपना फैसला है, आप मजबूर क्यों करते हो किसी को नारा देने के लिए।
उन्होंने कहा जुवान पर कुछ और दिल में कुछ और, इसलिए जो हमारे दिल में है उसे दिल में ही रहने दीजिए। उन्होंने ओवैसी का समर्थन में कहा कि उसने कहा कि मैं भारत की जय नहीं कहना चाहता हूं, मैं जयहिंद बोल सकता हूं, हिंदुस्तान जिंदाबाद कह सकता हूं, तो इसके लिए उसे मजबूर क्यों जाना। इसके लिए देशद्रोह का आरोप लगाना या इस्तीफा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा मैं जो हूं वो हूं इसके लिए किसी के सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि देशभक्ति को प्रमाणित करने के लिए सर्टिफिकेट क्यों मांगा जा रहा है? यह नारा मैं आपकी खुशी के लिए नहीं बोलूंगा बल्कि जब महसूस करूंगा तब बोलूंगा।उन्होंने बीजेपी,सहित दूसरी पार्टियों के नेताओं पर हमला करते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक हालातों पर कहा, ‘वर्तमान परिस्थितयां 80 के दशक की तरह हो गई हैं। उस समय प्रदेश सरकार के लिए कांग्रेस जैसा रुख अख्तियार कर रही थी वैसा ही रुख आज बीजेपी का है।’ उन्होंने कहा बीजेपी और शिवसेना ने जो किया सो किया लेकिन अब इस पर कांग्रेस भी शामिल हो गई है।
उमर अबदुल्ला ने जेएनयू विवाद पर बोलते हुए कहा,मुझे एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी बताइए जहां राजनीति की अनुमति नहीं है। अगर कॉलेज में वोटिंग होगी तो राजनीति भी होगी। केंद्र सरकार शक की बुनियाद पर कार्रवाई कर रही है जबकि इसकी तहकीकात करके कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे में ओवैसी के बयान पर राजनीति और सियासत लगातार बढ़ती जा रही है।