मैं कैदी हूं, फ्री में हो मेरी इलाज़ : योगेंद्र साव

रिम्स के कॉटेज नंबर 14 में एड्मिट साबिक़ वज़ीर योगेंद्र साव की कई जांच मंगल को नहीं हो पायी, क्योंकि योगेंद्र साव फ्री में जांच कराने के लिए काफी वक़्त तक अड़े रहे। योगेंद्र साव का कहना था कि वह कैदी हैं, इसलिए उनकी फ्री में जांच होनी चाहिए। वहीं दस्तूरुल अमल कॉटेज में एड्मिट कैदी का इलाज और जांच पैसे देने के बाद ही होता है।

काफी वक़्त तक चले ड्रामा के बाद आखिरकार रिम्स इंतेजामिया फ्री जांच के लिए तैयार हो गया। इस पूरी अमल में देरी होने से जांच के लिए ब्लड सैंपल देरी से लिया गया। इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कई जांच की रिपोर्ट आनी बाकी है। सर्जरी और इएनटी के डॉक्टरों से सलाह लिये जा रहे हैं।

योगेंद्र का रिपोर्ट कार्ड
ब्लड प्रेशर 140/80
इसीजी : मामूली

रैडम सुगर रिपोर्ट का इंतजार

ये जांच होनी है
एलएफटी (लीवर फंक्शन)
आरएफटी (किडनी फं क्शन)
सीबीसी (टोटल ब्लड काउंट)

आज मिल सकती है जाने के लिए हरी झंडी

योगेंद्र साव को बुध को रिम्स से जाने की हरी झंडी मिल सकती है, क्योंकि अभी तक जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसके हिसाब से उनको रिम्स में रख कर इलाज करना जरूरी नहीं है। जो बीमारी योगेंद्र साव ने बतायी है, उसका इलाज दवा से हो सकता है।

घंटों कर रहे हैं पूजा

पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद साबिक़ वज़ीर योगेंद्र साव को पूजा वगैरह से लगाव हो गया है। रिम्स में इलाज के लिए एड्मिट योगेंद्र साव कॉटेज में घंटों पूजा-पाठ में लगे रहते हैं। ज़राये की मानें, तो सुबह उठने के बाद वह नहाने में लग जाते हैं। मंगल को उनका ज़्यादातर वक़्त पूजा-पाठ में ही बीता। उनके कमरे से मंत्र पढ़ने की आवाज सुनायी दे रही थी।

सर्जरी व इएनटी डॉक्टरों ने लिखी दवाएं

योगेंद्र साव की तरफ से कान में दर्द और पाइल्स की मसला बताने के बाद इलाज कर रहे डॉक्टरों ने माहिर डॉक्टरों से सलाह मांगी थी। डॉक्टरों ने मंगल को उन्हें देखने के बाद कुछ दवाएं लेने की हिदायत दिया।

अभी पूरी रिपोर्ट नहीं आयी है, इसलिए उनको फिट कहना मुमकिन नहीं है। बुध को रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला लिया जायेगा कि उनको रखना है या नहीं।
डॉ उमेश प्रसाद, फिजिशियन रिम्स