गुवाहाटी: बालीवूड के दिग्गज एक्टर व नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को ब्रह्मपुत्र लिटरेरी फेस्टिविल में दीपा चौधरी के साथ बातचीत करते हुए कहा कि ‘मैं तो कंपाउंडर बनने लायक भी नहीं था, लेकिन मुझे देश का स्वास्थ्य मंत्री भी बनाया गया’. उसने लोगों को उन्हें प्यार करने और सम्मान देने के लिए शुक्रिया अदा किया, और कहा कि वह मुंबई में कोई स्टार बनने के लिए नहीं गए थे, बल्कि वह सिर्फ संघर्ष कर एक अभिनेता बनना चाहते थे.
उनके जीवन पर आधारित किताब ‘एनीथिंग बट खामोश’ की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी भी इंसान के जीवन पर सबसे ईमानदार और पारदर्शी तरीके से लिखी गई किताब है. वन इंडिया के अनुसार, अपनी किताब के बारे में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि इसमें कोई सनसनी नहीं है, और ना ही इसमें किसी महिला की बेइज्जती की गई है, लेकिन फिर भी इस किताब में सब कुछ है. और ये सबसे अधिक बिकने वाली किताब भी बन गई है.
सिन्हा ने कहा कि एक वक्त था जब कुछ लोगों ने उन्हें खूबसूरत दिखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराने की सलाह दी थी, लेकिन जब दिग्गज अभिनेता देव आनंद ने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी कराने का ख्याल ही दिल से निकाल दिया. देव साहब ने मुझसे ऐसा करने से साफ तौर पर मन कर दिया. और कहा कि जैसे हो वैसे ही बने रहो. बता दें कि इसके बाद उन्होंने अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व को निखारने का काम किया और दुनिया को बताया कि मैं जैसा हूं वैसा ही मुझे स्वीकार किया जाए.