वाराणसी 04 अक्टूबर: दिल्ली के क़रीब एक शख़्स को महिज़ इन अफ़्वाहों पर कि इस ने बीफ का इस्तेमाल किया, ज़ालिमाना अंदाज़ में मारपीट कर क़त्ल कर देने के वाक़िये को सियासी अग़राज़ पर मबनी क़रार देते हुए साबिक़ सुप्रीमकोर्ट जज काटजू ने कहा कि गाय बस एक जानवर है जो किसी की भी माता नहीं हो सकती।
वो यहां बनारस हिंदू यूनीवर्सिटी में एक तक़रीब के दौरान मुख़ातिब थे। उन्होंने कहा: गाय बस एक जानवर है और कोई जानवर किसी की माता (माँ) कैसे हो सकता है; अगर मुझे बीफ खाना मर्ग़ूब है तो इस में क्या मज़ाइक़ा है, जबकि दुनिया-भर में लोग बीफ का इस्तेमाल करते हैं; अगर में भी यही गोश्त खाना चाहूँ तो कौन मुझे रोक सकता है।काटजू ने कहा कि उन्होंने भी बीफ खाया है और इस में कुछ नुक़्सान नहीं।
उन्होंने कहा, क्या वो तमाम लोग जो दुनिया-भर में बीफ खाते हैं वो सब ख़राब हैं और सिर्फ हम (इस मुल्क वाले)जो ये गोश्त नहीं खाते बहुत पार्सा लोग हैं;जब लोग बीफ खाईं तो इस में नुक़्सान की क्या बात है, मैं ने भी खाया और मज़ीद खाता रहूँगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के साबिक़ जज ने दादरी में मुहम्मद अख़लाक़ अहमद के क़त्ल की मज़म्मत की और इस में शामिल् लोगों के लिए सख़्त तरीन सज़ा का मुतालिबा किया।