सैफ अली खान को 2010 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो यह भारत सरकार को वापस लौटाना चाहते थे। इस बात का खुलासा खुद सैफ ने अरबाज खान के चैट शो ‘पिंच बाय अरबाज खान’ में किया। दरअसल, शो में सैफ एक ट्विटर यूजर के कमेंट का जवाब दे रहे थे, जिसने उन पर पद्मश्री अवॉर्ड खरीदने का आरोप लगाया था।
सैफ ने दी अपनी सफाई
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यूजर ने सैफ को बताया था ठग
एक ट्विटर यूजर ने सैफ को टैग करते हुए लिखा था, “यह ठग, जिसने पद्मश्री अवॉर्ड खरीदा, अपने बेटे का नाम तैमूर रखा और रेस्त्रां में लोगों की पिटाई की। उसे ‘सेक्रेड गेम्स’ में रोल कैसे मिल गया। वह तो एक्टिंग भी मुश्किल से कर कर पाता है।” इस ट्वीट को पढ़ने के बाद सैफ ने कहा कि वो ठग नहीं हैं। क्योंकि उनके बारे में सबकुछ सही नहीं हो सकता।
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मैं स्वीकार नहीं करना चाहता था पद्मश्री: सैफ
सैफ ने पद्मश्री को लेकर कहा, “इस इंडस्ट्री मे कई सीनियर और टैलेंटेड लोग हैं, जिन्हें अब तक यह सम्मान नहीं मिला। इसलिए मैं सोचता था कि मुझे यह स्वीकार नहीं करना चाहिए। बेशक, मैं यह भी मानता हूं कि कुछ लोग इसे मुझसे भी कम डिजर्व करते हैं। मैं इसे लौटाना चाहता था। इसे स्वीकार नहीं करना चाहता था। तब मेरे पिता ने कहा- मुझे नहीं लगता कि तुम भारत सरकार को न कहने की स्थिति में हो।”
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तैमूर के नाम पर भी दिया रिएक्शन
सैफ ने अपने बेटे तैमूर अली खान के नाम को लेकर भी रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि तैमूर खूबसूरत नाम है। इसका मतलब फौलाद होता है और बोलने में भी अच्छा लगता है। मैं जानता हूं कि सोचते हैं कि यह तुर्किश मंगोल आक्रमणकारी तिमूर (Timur) के नाम पर रखा गया है। लेकिन मैं कहता हूं कि यह वह नाम नहीं है। क्या आपको नहीं लगता कि एक अक्षर से शब्द बदल जाता है। क्या Luck और F**K अलग-अलग शब्द नहीं हैं।” वही रेस्त्रां में मारपीट को लेकर सैफ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था और इसके बारे में उनके पास कोई सफाई नहीं है।