चारा घोटाले में अपने किस्मत का फैसला जानने इतवार को रांची पहुंचे राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि मैं यहां इंसाफ के लिये आया हूं। हमेशा खुशमिजाज रहने वाले लालू रांची एयरपोर्ट पर काफी खामोश दिखे। उन्होंने यह कहते हुए मीडिया से दूरी बना ली कि ‘जो भी कहूंगा , फैसले के बाद ही कहूंगा।’ 35.70 करोड़ रुपये के घोटाले में लालू के इलावा बिहार के साबिक वज़ीर ए आला जगन्नाथ मिश्र समेत दिगर 45 मुल्ज़िमो पर भी पीर के दिन सीबीआइ की अदालत में फैसला आना है। लालू के साथ उनके बेटे तेजस्वी और रिश्तेदार भी रांची आए हुए हैं।
दोपहर तकरीबन तीन बजे रांची एयरपोर्ट पहुंचे बिहार के साबिक वजीर ए आला लालू आज नौवीं मरतबा अदालत में हाजिर होंगे। उनके इस्तेकबाल के लिए झारखंड हुकूमत में राजद कोटे से वज़ीर अन्नपूर्णा देवी व सुरेश पासवान समेत बिहार के कई साबिक वज़ीर और सिनीयर लीडर मौजूद थे।
एयरपोर्ट से बाहर आते ही कौमी सेक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के कमांडो व जैप-वन के जवानों ने लालू को अपने घेरे में ले लिया। इस दौरान उनके हामी उनके पास जाने की कोशिश करने लगे । लेकिन सीआइएसएफ के जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया।
इस दौरान अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि लालू यादव बेगुनाह हैं, उन्हें फंसाया गया है। जबकि राजद सुप्रीमो के साथ पटना से रांची पहुंचे बिहार के साबिक वज़ीर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बताया कि पार्टी को यकीन है कि फैसला लालू के हक में आएगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर 2001 को पहली बार अदालत में खुदसुपुर्दगी करने रांची पहुंचे लालू को करीब डेढ़ महीने की अदालती हिरासत में जेल भेजा दिया गया था।