मैजिक बस प्रोग्राम के ज़रीए ग़रीब बच्चों की मदद

हैदराबाद 14 सितंबर (नुमाइंदा ख़ुसूसी) हमारे शहर में दर्जनों मुस्लिम बस्तीयां हैं, जहां ऐसे हज़ारों ग़रीब लड़के लड़कीयां हैं जो अपने माँ बाप की ग़ुर्बत के बाइस जूते और चप्पलों से तक महरूम हैं।

इन हालात में भी वो अपने वालिदैन का हाथ बटाने की कोशिश कर रहे हैं। मैजिक बस नामी एक रज़ाकाराना तंज़ीम है जो दुनिया के ग़रीब ममालिक में ग़रीब बच्चों, स्ट्रीट चिल्ड्रंस और लावारिस बच्चों की ज़िंदगीयों में मुसबत तबदीलीयां लाने के काम में मसरूफ़ है।

ये तंज़ीम सलम इलाक़ों के क़रीब बच्चों को ना सिर्फ़ खेल-खेल में तालीम और तर्बीयत से आरास्ता करती है बल्कि उन्हें रोज़गार हासिल करने के काबिल भी बनाती है। पुराना शहर के कम अज़ कम 36 मुहल्लाजात में मैजिक बस सरगर्म है जिन में सुलतान शाही, मोग़लपूरा, वटेपल्ली, भवानी नगर, याक़ूतपूरा, उम्दा नगर, दूध बाउली, कामाटी पूरा, तालाब कट्टा, जहांनुमा और दीगर मुहल्ले शामिल हैं।

डेटीनी स्कूल के प्रिंसिपल मुहम्मद ख़्वाजा ने बच्चों में जूते तक़सीम करते हुए मैजिक बस की सताइश की। आप को बतादें कि संध्या श्रीनिवास इस ग़ैर सरकारी रज़ाकाराना तंज़ीम की रियास्ती सरब्राह हैं जबकि ये प्रोग्राम हिंदुस्तान की 10 रियास्तों में चलाया जा रहा है जिस से 2.5 लाख बच्चे इस्तिफ़ादा कर चुके हैं।

शेख़ ग़फ़्फ़ार के मुताबिक़ बच्चों को क्रिकेट, फुटबॉल और वालीबॉल के ज़रीए तालीम दी जाती है। इस तंज़ीम ने 2015 तक एक मिलयन बच्चों की मदद का मंसूबा बना रखी है।