इस बार मैट्रिक की इम्तिहान में फेल हुये सत्यम ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर खुद के अगवा की साजिश रच ली। फिल्मी अंदाज में वालिद से फिरौती के तौर में पांच लाख रुपये की मांग की। मामला एसएसपी मनु महाराज के पास पहुंचा। इसके बाद 12 घंटे के अंदर पुलिस ने सनीचर की देर रात अगवा हुये सत्यम और उसके साथी अंकित राज व रंजन कुमार को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया गया। पूछताछ में तीनों ने खुद के अगवा किये जाने का खुलासा किया।
साजिश में शामिल सत्यम के साथियों में अंकित राज माड़नपुर बाईपास के रहने वाले अरुण कुमार का बेटा है। दूसरा साथी रंजन कुमार रमना रोड के रहने वाले रामानंद प्रसाद का बेटा है। पूछताछ में अंकित व रंजन ने बताया कि फिल्म देखकर दो माह पहले सत्यम ने अगवा की साजिश रची। अपने दोनों साथियों को अगवा करने के लिए तैयार किया। पहले तो उसके साथियों ने ऐसा करने से मना कर दिया था लेकिन दबाव की वजह से सनीचर की सुबह वह अगवा की साजिश में शामिल हो गये।
टीचर विनोद कुमार सिंह ने सनीचर की दोपहर विष्णुपद थाना में बेटे का अगवा किये जाने का मामला दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि एक नंबर से कॉल कर उन्हें कहा गया कि उनका बेटा सत्यम अगवा करने वाले के चंगुल में है। अगर बेटे की सलामती चाहते हैं, तो बदले में पांच लाख रुपये जल्द पहुंचाएं।
एसएसपी ने यरगमाल मामले के खुलासा के लिए डीएसपी टाउन आलोक कुमार की कियादत में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नीहार भूषण, एसआई पीके श्रीवास्तव व विष्णुपद थाना सदर सुनील कुमार सिंह के साथ टीम तशकील कर छानबीन की हिदायत दिया। टीचर के मोबाइल पर आये नंबर को सर्विलांस पर रखा गया। छानबीन में सनीचर की देर रात पहले अंकित व रंजन को पकड़ा गया। इसके बाद दोनों से पूछताछ में सत्यम को बुनियादगंज थाने के एक ईट भठ्ठे के पास से पकड़ा गया।
एसएसपी ने बताया कि सत्यम ने अपनी फुआ के घर काम कर रहे टिकारी के डिहुरा के रहने वाले बढ़ई मिस्त्री अरविन्द का फोटो खींचा और उसके नाम से फर्जी तरीके से सिमकार्ड खरीदा। उसी सिमकार्ड का इस्तेमाल कर टीचर से बात की गई और फिरौती मांगी गई।
बारह घंटे के अंदर अगवा मामले का खुलासा किया गया है। टीम को एजाज किया जायेगा। मामले का खुलासा नहीं होने पर लॉ एंड ऑर्डर का मामला बन सकता था। गिरफ्तार लड़कों को अदालत में पेशी के बाद बाल सुधार गृह भेजा जायेगा।
मनु महाराज, एसएसपी