पटना 10 मई : जमीला खातून बड़ी खुश थीं, आखिर नतिनी की शादी जो है। अरमान पूरे करने को खाते से डेढ़ लाख की निकासी भी की। खरीदारी करने गईं, तो आंख से आंसू छलक पड़े। दुकानदार बोला – क्या बीबी जान, नकली नोट लेकर फ्रिज और टीवी खरीदने आई हैं। इतना सुनते ही पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। साथ मौजूद सख्स से बोलीं – यह कैसे हो सकता है? बैंक वालों ने गड्डी दी है।
रोते-सुबकते घर वालों को जानकारी दी। सबके साथ पहुंची बैंक। शिकायत दर्ज कराई। करारा जवाब मिला – मैडम, एक हफ्ता पहले पैसा निकाला है, अब शिकायत दर्ज कराने आई हैं। बैंक में पूरी ताफ्सिश के बाद ही रकम दी जाती है, नोटों की जांच को मशीन लगी है। इत्तेला पर पहुंची पुलिस का कहना है कि बैंक हेड क्वार्टर में शिकायत दर्ज करानी चाहिए, पुलिस का इसमें कोई रोल नहीं है।
बात कुछ यूं है – पत्थर की मस्जिद के पास रहने वाली जमीला खातून की नतिनी की जुम्मा को शादी है। जमीला के मुताबिक उन्होंने 29 अप्रैल को चौहंट्टा वाक़ेय एसबीआइ की ब्रांच से 1.5 लाख रुपये की निकासी की थी। जब वे पहुंची, तो काउंटर पर बैठे मुलाजिम ने एक किनारे बैठा दिया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब पैसे में देरी की बात कही, तो कहा गया कि आपको नई गड्डी देते हैं। तकरीबन पौने पांच बजे पैसा दिया गया।
आज वे टीवी और फ्रिज खरीदने गईं, तो दुकानदार ने नकली नोट होने की बात कही। इसके बाद वे बैंक पहुंची। मैनेजर से शिकायत की, तो टाल-मटोल की गई। कहा गया कि गड्डी की सील टूटी है। इसके बाद सील लगी गड्डी दिखाई, तो कहा गया कि इसे बदल देते हैं। हम से कहा गया कि नोट नकली थे, तो एक हफ्ता कहां थीं? इधर, पुलिस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ती नजर आई। उसका कहना है कि बैंक से कोई शिकायत मिलेगी, तो मामला दर्ज किया जाएगा।