रौम 30 मार्च : इटली के वज़ीर-ए-दिफ़ा जयाम पाओलो डी पाओला ने दावा किया है कि वो अपने दो मैरीनस और कश्ती को हरगिज़ नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने जज़बाती अंदाज़ में कहा कि मैरीनस के मसला पर वो वज़ीर-ए-ख़ारजा जूलियो तीरज़ी की तरह मुस्ताफ़ी नहीं होंगे।
डी पाओला ने दावा किया कि मैरीनस मुक़द्दमा का सामना करने के लिए अपनी मर्ज़ी और ख़ुशी के साथ हिंदूस्तान वापिस हुए हैं। वाज़ह रहे कि दो इतालवी मैरीनस मसीमलयानो लातूर और सिल्वा तौर जीरोन को 22 मार्च को हिंदूस्तान वापिस भेज दिया गया था जहां उन्हें दो हिंदूस्तानी माही ग़ैरों की हलाकत के ज़िमन में एक मुक़द्दमा का सामना है।
क़ब्लअज़ीं हुकूमत इटली ने इन दोनों को वापिस करने से इनकार कर दिया था , जिसके बाद दोनों मुल्कों की हुकूमतों के दरमयान सख़्त सिफ़ारती तनाज़ा पैदा होगया था। सुप्रीम कोर्ट ने इतालवी सफ़ीर के हिंदूस्तान से बाहर सफ़र पर पाबंदी आइद करदी थी।