यूं तो महकमा अक़लीयती बहबूद की दिगरगों सूरते हाल से अवाम अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं लेकिन महकमा के आला ओहदेदार ने भी आज इस का एतराफ़ कर लिया। हज हाउज़ में घरैलू तनाज़आत की यक्सूई के लिए क़ायम कर्दा कौंसलिंग सेंटर की इफ़्तिताही तक़रीब में सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद को स्टेज पर कुर्सियां जमाते हुए देखा गया। वो प्रोटोकोल के एतबार से ख़ुद कुर्सियां जमा रहे थे।
कौंसलिंग सेंटर के बाबुल दाखिला पर जो बैनर नसब किया गया था, उस की अंग्रेज़ी में ग़लती थी। लफ़्ज़ कौंसलिंग को अंग्रेज़ी में ग़लत तहरीर किया गया और सारी तक़रीब के दौरान किसी ने भी इस ग़लती का नोट नहीं लिया।
महकमा के एक मातहत ओहदेदार की तवज्जा जब इस जानिब मबज़ूल कराई गई तो उन्हों ने ग़लती तस्लीम करने के बजाए रिमार्क किया कि अक़लीयती बहबूद में ऐसा चलता है। महकमा ने जिस मक़सद से कौंसलिंग सेंटर क़ायम किया, उस का नाम ही ग़लत रखा गया।
तलाक़ और अज़दवाजी तनाज़आत की यक्सूई के लिए क़ायम कर्दा इस सेंटर को मैरेज कौंसलिंग सेंटर का नाम दिया गया है जबकि मैरेज कौंसलिंग का मतलब शादियों के एहतेमाम के लिए कौंसलिंग करना है।
होना तो ये चाहीए थाकि उसे सेंटर फ़ॉर Marital डिस्पयूट्स लिखा जाता। मस्जिद में मुक़र्ररा वक़्त पर बड़ी तादाद में मुसल्ली नमाज़ की अदाएगी के लिए जमा हो गए लेकिन उन्हें ये जान कर हैरत हुई कि महकमा की एक तक़रीब के लिए नमाज़ का वक़्त तब्दील कर दिया गया।
दिलचस्प बात तो ये भी थी कि महकमा ने रमज़ानुल मुबारक के एहतेराम को बालाए ताक़ रखते हुए मदूईन में सनेक्स तक़सीम किए जिस पर रोज़ादार हैरत में पड़ गए।