मॉनीट्रिंग कमेटी बना दी जाती तो ये नौबत ना आती

मुत्तहदा क़ौमी मूवमैंट के रहनुमा फ़ारूक़ सत्तार ने कहा है कि कराची में रेंजर्स के ऑप्रेशन की निगरानी के लिए मॉनीट्रिंग कमेटी और एम क्यु एम के कारकुनान के मारवाए अदालत क़त्ल और जबरी गुमशुदियों पर अदालती कमीशन तशकील दे दिया जाता तो हालात इस नतीजे पर नहीं पहुंचते।

क़ौमी असेंबली, सीनेट और सिंध असेंबली से अपनी जमात के अराकीन के इस्तीफ़ों के बाद उर्दू सर्विस के प्रोग्राम में बात करते हुए फ़ारूक़ सत्तार ने कहा कि एम क्यु एम की आइन्दा हिक्मते अमली, ज़िमनी इंतिख़ाबात में हिस्सा लेने या लेने का फ़ैसला आने वाले दिनों में किया जाएगा।

मुल्क के मुंतख़ब ऐवान से इस्तीफ़े देने के फ़ैसले के बारे में उन्होंने कहा कि ये फ़ैसला गुज़िश्ता कई दिनों की सूरते हाल के पेशे नज़र तवील ग़ौरो ख़ौज़ के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि आइन्दा की हिक्मते अमली भी सोच बिचार के बाद बनाई जाएगी।