मॉब लिंचिंग के खिलाफ भड़का बॉलीवुड का गुस्सा, पीड़ितों के लिए मांगे इंसाफ

गीतकार जावेद अख्तर और निर्देशक सुधीर मिश्रा सहित बॉलीवुड सेलिब्रेटीज ने मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ रोष जाहिर किया है। उन्होंने पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग की। अख्तर ने कहा कि इतनी ढिठाई से पहले कभी हिंसक भीड़ की घटना को उचित नहीं ठहराया गया। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है, “यहां तक कि अमेरिका में गुलामी या दक्षिण अफ्रीका में श्वेतों के शासनकाल के चरम दिनों में भी इस तरह की शर्मनाक घटना को उचित नहीं ठहराया गया।”

निर्देशक सुधीर मिश्रा ने कहा, “जो लोग लिंचिंग को उचित ठहराते हैं, वे अपने बच्चों से क्या कहते होंगे?”
हालिया घटनाक्रम में राजस्थान के अलवर जिले में गाय तस्करी के संदेह में 28 वर्षीय रकबर खान की कथित तौर पर मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई थी। ऐसा आरोप है कि पुलिस को पीड़ित को पासके अस्पताल ले जाने में ढाई घंटे से भी अधिक लगे।

फिल्म निर्माता और पत्रकार रह चुके प्रीतिश नंदी ने कहा, “वैसे पुलिस वाले जो खड़े रहे और मॉब लिंचिंग देखते रहे, क्या उन्हें सिर्फ निलंबित या दूसरी जगह ट्रांसफर करने की जगह कठोर दंड नहीं दिया जाना चाहिए। इन लोगों पर निर्दोष के रक्षा की जिम्मेदारी थी, न कि हत्या में मदद करने की।”

अभिनेता और स्टैंडअप कॉमेडियिन वीर दास ने ट्वीट किया, “यहां लिंचिंग से कुछ न्याय पाने के लिए किसे गले लगाने की जरूरत है?” वहीं, गौहर खान ने कहा है कि किसी व्यक्ति के डाइंग डिक्लेरेशन (मरने से पहले दिया जाने वाला बयान) का कोई उपयोग नहीं है और आरोपियों को क्लीनचिट दिया जा रहा है।

अभिनेता और कवि दानिश हुसैन ने गोशालयों में गायों की मौत की रिपोर्ट टैग करते हुए ट्वीट किया, “नहीं, नहीं-हमें मुस्लिमों को जरूर लिंच करना चाहिए, क्योंकि गायों की रक्षा का यही एकमात्र उपाय है। मुस्लिमों का पशु होने के बजाय शेल्टर में भयावह मौत कहीं अधिक अच्छी है।”

निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने कहा कि पहले स्कूलों में बच्चों को भीड़ का हिस्सा नहीं बनने और अपने बारे में सोचने की सीख दी जाती थी। शायद दोबारा स्कूलों में जाने का समय आ गया है।