हुकूमत दिल्ली ने मर्कज़ी वज़ीर वीरप्पा मोइली ,साबिक़ वज़ीर मुरली देवरा , रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ के सरबराह मुकेश अंबानी और दीगर के ख़िलाफ़ के जी बेसिन ने क़ुदरती गैस की क़ीमत में ताय्युन में बे क़ाईदगियों की शिकायत के बाद फ़ौजदारी मुक़द्दमात दायर करने की हिदायत दी।
चीफ़ मिनिस्टर अरवीनद केजरीवाल ने कहा कि हुकूमत दिल्ली की इंसिदाद बदउनवानी शाख़ को हिदायत दी गई है कि शिकायत की बुनियाद पर इस मामले के बारे में तहक़ीक़ात की जाएं और साबिक़ काबीनी सेक्रेटरी वाई एस आर सुब्रामणियम ,एडमीरल तहलियानी ,साबिक़ सरबराह बहरीया और मुमताज़ क़ानूनदां कामीनी जयसवाल के इलावा साबिक़ मोतमिद अख़राजात के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात करने का हुक्म दिया।
उन्होंने ये वज़ाहत नहीं की कि क्या इस मुक़द्दमे की तहक़ीक़ात हुकूमत दिल्ली के दायरा-ए- कार में शामिल हैं। हुकूमत दिल्ली पहले ही एक क़रारदाद मंज़ूर करते हुए क़ुदरती गैस की क़ीमत बैन-उल-अक़वामी सतह पर गैस की क़ीमत के मुसावी मुक़र्रर करने का मुतालिबा कर चुकी है।
केजरीवाल ने कहा कि शिकायत में बाज़ मर्कज़ी वुज़रा और रिलाइंस इंडस्ट्री लिमिटेड के बेहिस रवैय्या की शिकायत की गई है । उन्हों ने कहा कि वो वज़ीर-ए-आज़म और मर्कज़ी वज़ीर तेल को तहक़ीक़ात की तकमील के बाद मकतूब रवाना करेंगे। कम्यूनिस्ट पार्टी आफ़ इंडिया के क़ाइद गुरु दास दास गुप्ता ने केजरीवाल हुकूमत के मर्कज़ी वज़ीर वीरप्पा मोईली ,रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ और दीगर के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी मुक़द्दमा दायर करने के इक़दाम की सताइश की और कहा कि गैस की क़ीमत में हुकूमत की जानिब से इज़ाफे की इजाज़त नहीं दी जा सकती ।
उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि हुकूमत ने खासतौर पर मर्कज़ी वज़ीर तेल ने गैस की क़ीमत में तेज़ रफ़्तार इज़ाफे की इजाज़त दे कर धोका दही का इर्तिकाब किया है। इस के बरअक्स समाजवादी पार्टी ने गैस की क़ीमत के ताय्युन के सिलसिले में शिकायतें दर्ज करने की हुकूमत दिल्ली की पालिसी पर सख़्त तन्क़ीद की।
एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए समाजवादी पार्टी क़ाइद नरेश अग्रवाल ने कहा कि वो कहते आरहे थे कि ये अपनी ना अहलीयत की पर्दापोशी के लिए एसे ना तजुरबाकार अफ़राद की जानिब से ये ड्रामा स्टेज किया जा रहा है। ये 100 फ़ीसद सियासी इंतेक़ाम की कार्रवाई है । उन से हुकूमत दिल्ली के फ़ैसले पर रद्द-ए-अमल दरयाफ़त किया गया था।
उन्होंने कहा कि सियासी निज़ाम में ये एक नया रुजहान है जो भी बरसर-ए-इक्तदार आता है अपने सियासी हरीफ़ों के ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज करने लगता है और उन्हें गिरफ़्तार करने की बातें करता है । कोई भी तरक़्क़ी की बात नहीं करता।