मोगलपुरा बुनियादी सहूलतों से महरूम, अवामी नुमाइंदों की कोताही

पुराने शहर का मोगलपुरा इलाक़ा जो उमरा-और नवाबों के मुहल्ला की हैसियत से अपनी शिनाख़्त रखता है, इन दिनों मजलिस बलदिया और अवामी नुमाइंदों की लापरवाही के सबब पसमांदा और सल्लम इलाके में तबदील होरहा है।

इस इलाके में बुनियादी सहूलतों का फ़ुक़दान है और सेहत-ओ-सफ़ाई के नाक़िस इंतेज़ामात के सबब अवाम को कई एक दुशवारीयों का सामना करना पड़ रहा है।

सारे इलाके में ख़सताहाल सड़कें, जाबजा कचरे और गंदगी के अंबार के अलावा सड़कों पर सीवरेज का बहता हुआ गंदा पानी सेहत आम्मा के लिए ख़तरा बन चुका है। अवामी नुमाइंदों की तरफ से लाखों, करोड़ों मालियती तरक़्क़ीयाती कामों की अंजाम दही के दावे किए जा रहे हैं लेकिन बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी से मुताल्लिक़ काम सिर्फ़ संगे बुनियाद की हद तक ही महिदूद होचुके हैं।

दिलचस्प बात ये है कि इलाके के सिलसिले में अवाम ने हुक्काम और अवामी नुमाइंदों से बार बार नुमाइंदगी की लेकिन अवामी नुमाइंदे अपने अपने हलक़े में इन इलाक़ों की अदम शमूलीयत का बहाना बनाकर ख़ामोशी इख़तियार किए हुए हैं।बलदी हलक़ा मोगलपुरा के इलाक़ा बीबी बाज़ार, देवढ़ी शकूर जंग, देवढ़ी कल्याणी नवाब और मुज़फ़्फ़र जंग देवढ़ी जैसे इलाक़ों में सीवरेज लाईनों की ख़राबी के सबब हर हफ़्ता गंदा पानी मकानात के रूबरू जमा होजाता है
और इस गंदगी से मच्छरों की अफ़्ज़ाइश होरही है और कमसिन बच्चे मुख़्तलिफ़ बीमारी का शिकार हैं। इन इलाक़ों पर वोट हासिल करने के लिए एक कारपूरेटर की दावेदारी है जबकि मसाइल की यकसूई के सिलसिले में वो दूसरे कारपूरेटर को इस इलाके का ज़िम्मेदार क़रार
दे कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश कररहे हैं।

इलाके में मौजूद बड़ी होटलों के मालकीयन से मिली भगत के बाइस उनकी सीवरेज लाईनों को गै़रक़ानूनी तरीके से घरेलू सीवरेज लाईन में मिला दिया गया है जिस के बाइस हर हफ़्ता ये लाइनें भर जाती हैं और दस्ता पंद्रह दिन तक उस की सफ़ाई का कोई इंतेज़ाम नहीं किया जाता। मज़कूरा इलाक़ों में पिछ्ले15दिन से सड़कों पर गंदा पानी बहने के सबब अवाम का जीना दूभर होचुका है लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं। जब हैदराबाद मेट्रो वाटर वर्क़्स ऐंड सीवरेज बोर्ड के मुक़ामी दफ़्तर वाक़्ये मोगलपुरा पानी की टांकी रब्त पैदा किया गया तो वहां कभी भी ओहदेदार मौजूद नहीं रहते और ना ही वो फ़ोन पर किसी से बात करते हैं।

मुताल्लिक़ा कारपूरेटर का अवाम से कोई रब्त नहीं और ना ही मुक़ामी जमात ने इलाके के तरक़्क़ीयाती कामों की निगरानी के लिए अपने किसी कारकुन को ज़िम्मेदारी दी है। इन हालात में सीवरेज के बढ़ते संगीन मसले ने अवाम में नाराज़गी पैदा करदी है।

मुक़ामी अफ़राद ने शिकायत की के ऑनलाइन शिकायत दर्ज किए जाने के 15 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही अवामी नुमाइंदों ने इलाके के दौरा की ज़हमत गवारा की। मुक़ामी अफ़राद ने बताया कि हुक्काम और अवामी नुमाइंदों की इस लापरवाही के सबब कमसिन बच्चों और ज़ईफ़ अफ़राद मुख़्तलिफ़ बीमारीयें का शिकार हैं