नई दिल्ली, 4 जुलाई: बीजेपी और कांग्रेस लीडरों के ट्विटर वॉर में रैंबों, डंबो और स्कैंबो के बाद आज एक नया लफ्ज़ मोगैंबो जुड़ गया।
कांग्रेस लीडर शकील अहमद ने आज नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना ट्विटर पर कहा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि रैंबो, डंबो और स्कैंबों से बेहतर है, उन्हें समझना चाहिए कि असल जिंदगी के रैंबों का अंत मोगैंबो जैसा होता है।’
बीजेपी ने शकील अहमद के ट्वीट पर तीखा जवाब दिया। बीजेपी नायब सदर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मुल्क की आवाम सभी को बता देगी कि रैंबो कौन है और मोगैंबो कौन।
मीडिया से बातचीत में नकवी ने कहा, ‘कांग्रेस के लीडर और वज़ीर सुबह उठकर नरेंद्र मोदी के नाम का जाप करते हैं। उनका हाजमा तभी ठीक होता है, जब वे मोदी के खिलाफ कोई इश्तेआलअंगेज़ बात न कह लें।’
उन्होंने कहा कि मुल्क की जनता उन्हें बता देगी की रैबों कौन है और मोगैंबो कौन।
बीजेपी की तन्कीद के बाद अहमद ने अपने ट्वीट की सफाई में कहा कि बीजेपी के कुछ लोग अपने एक लीडर को रैंबो जैसा बता रहे हैं, जो पहाड़ पर चढ़ जाता है और 15 हजार लोगों की जान बचा लेता है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सिर्फ ये कहा कि जो रैंबो बनने की कोशिश कर रहे हैं, उनका अंत मोगैंबो जैसा होगा।’
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी अखबार ने खबर दी थी कि गुजरात के वजीर ए आला नरेंद्र मोदी ने रैंबो की तरह उत्तराखंड में फंसे 15 हजार गुजरातीयों को दो दिनों में निकाल लिया था।
हांलाकि इस खबर पर हुए तनाज़े के बाद बीजेपी सदर राजनाथ सिंह ने सफाई दी थी कि मोदी ने कभी ये दावा नहीं किया कि उन्होंने उत्तराखंड से 15 हजार गुजरातीयों को निकाला था।
—-बशुक्रिया: अमर उजाला