मुंबई: मुंबई के किनारे अरब सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्रपति शिवाजी के भव्य स्मारक की आधारशिला रखेंगे. यह लंदन के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तर्ज पर विश्व का सबसे बड़ा स्मारक होगा.
इस स्मारक के निर्माण में 3600 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह स्मारक 309 फुट उंचा होगा और 15.96 हेक्टेयर में बनेगा. शिवाजी की प्रतिमा 210 फुट ऊंची होगी. हालांकि बीच समुद्र में चट्टान पर शिवाजी का स्मारक बनाने के निर्णय से मछुआरों को आपत्ति है. लेकिन, सरकार ने उनके विरोध को नजरंदाज करते हुए स्मारक के भूमिपूजन की तैयारी पूरी कर ली है.
अमर उजाला के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई आगमन से पहले शुक्रवार को अखिल महाराष्ट्र मच्छीमार कृति समिति के अध्यक्ष दामोदर तांडेल को हिरासत में ले लिया गया. तांडेल शिवाजी स्मारक का पुरजोर विरोध कर रहे थे. तांडेल ने घोषणा की थी कि मोदी के आगमन से पहले मछुआरिनें हाथों में काला झंडा लेकर नरीमन प्वाइंट से गिरगांव चौपाटी तक एक मानव श्रृंखला बनाकर विरोध करेंगी. उनका कहना है कि समुद्र में चट्टान पर स्मारक बनाए जाने से 80 हजार मछुआरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा.
तांडेल का कहना है कि अगर, स्मारक बना तो आसपास की मछलियां खत्म हो जाएंगी और मछुआरों पर भूखों मरने की नौबत आ जाएगी. तांडेल का दावा है कि दक्षिण मुंबई के हजारों मछुआरों की आजीविका इस तट पर निर्भर है. जिनकी 1500 बड़ी नौकाएं और 450 छोटी नौकाएं मछली पकड़ने के लिए चलती हैं. स्मारक के निर्माण से सीधे तौर पर उनकी आजीविका प्रभावित होगी. इसलिए मोदी के आगमन से पहले मछुआरिनें विरोध प्रदर्शन करेंगी.
शनिवार को पीएम मोदी के आगमन से पहले मुंबई का गेट वे ऑफ इंडिया को दुल्हन की तरह सजाया गया है. जहां, मुख्यमंत्री फडणवीस ने कलश स्वीकार किए. राज्य के 36 जिलों और शिवकालीन किलों से मिट्टी और नदियों के जल मंगाए गए थे. भाजपा ने चेंबूर से लेकर गेट वे ऑफ इंडिया तक कलश यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया जबकि शिवसेना कहीं नजर नहीं आई.
स्मारक के निर्माण में 3600 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह स्मारक 309 फुट उंचा होगा और 15.96 हेक्टेयर में बनेगा. शिवाजी की प्रतिमा 210 फुट ऊंची होगी. राजभवन से दक्षिण-पश्चिम की ओर 1.2 किमी दूर और नरीमन प्वाइंट से 2.60 किमी दूर अरब सागर के बीच एक चट्टान पर पीएम मोदी स्मारक की आधारशिला रखेंगे. प्रथम चरण में शिवाजी स्मारक का निर्माण होना है जबकि दूसरे चरण में संग्रहालय, मिनी थिएटर और आर्ट गैलरी आदि प्रस्तावित हैं.