मोदी और राहुल वुज़ारते उज़मा के अहल नहीं

भोपाल, 18 फ़रवरी: भारतीय जन्ता पार्टी के साबिक़ नज़रियाती लीडर और राष्ट्रीय सौ अभिमान अंदोलन‌ के बानी गोविन्दा चारये ने आज कहा कि चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी और ना ही कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी वज़ीरे आज़म बन्ने के अहल हैं। मुल्क के जलीलुल्क़द्र ओहदे वुज़ारते उज़मा के लिए सलाहियतें होना ज़रूरी है।

इन दोनों क़ाइदीन में तजुर्बे कि कमी पाई जाती है। इन क़ियास आराईयों के दरमियान के आने वाले लोक सभा इंतिख़ाबात में नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के दरमियान वुज़ारते उज़मा के लिए मुक़ाबला होगा, गोविन्दा चारये ने कहा कि वज़ीरे आज़म जैसा अहम और ज़िम्मे दाराना ओहदा बेशुमार तजुर्बे का मुतक़ाज़ी होता है।

राहुल गांधी इस ओहदे के लिए ना तजुर्बे कार हैं। नरेंद्र मोदी को भी कोई तजुर्बा नहीं है। अगर बी जे पी इक़तिदार पर आए तो एल के अडवानी को वज़ीरे आज़म बनाना चाहीए। कांग्रेस को अक्सरियत मिलती है, तो वो अपने लीडर ए के अनटोनी को वज़ीरे आज़म बनाएं। गोविन्दा चारये ने कहा कि अडवानी बी जे पी में सब से सीनियर और तजुर्बेकार लीडर हैं, जबकि ए के अनटोनी का इमेज साफ़ सुथरा है।

अगर कांग्रेस को इक़तिदार के लिए वोट मिलते हैं तो राहुल गांधी के बजाय अनटोनी वज़ीरे आज़म होना चाहीए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अभी बहुत कुछ सीखना बाक़ी है। राष्ट्रीय सौ अभीमान इंदूलन के बानी ने इस से पहले रिश्वत के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले अन्ना हज़ारे,रामदेव और अरवीन्द कजरेवाल की हिमायत की थी।