मोदी का बर्तानिया में भी दाख़िला नामुमकिन!

चीफ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी का अमेरीका के बाद अब बर्तानिया में भी दाख़िला मुम्किन नहीं है। बर्तानवी नए इमीग्रेशन क़ानून के मुताबिक़ इंसानी हुक़ूक़ की संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ी के मुर्तक़िब गैर योरोपी यूनीयन शहरियों को बर्तानिया में दाख़िला पर पाबंदी आइद की जा सकती है।

इंसानी हुक़ूक़ की मुहिम चलाने वालों ने आज कहा कि वो मुतालिबा करेंगे कि मुजव्वज़ा क़ानून को चीफ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ भी इस्तेमाल किया जाए, क्योंकि गुजरात के मुस्लिम कश फ़सादाद में इस शख़्स का अहम रोल रहा है।

मोदी को 2003 में बर्तानिया का दौरा करने की इजाज़त देने पर शदीद एहतिजाज हुआ था और वो 2005 में दौरा करने का मंसूबा रखते थे, लेकिन इंसानी हुक़ूक़ के ग्रुप्स के शदीद एहतिजाज के बाइस लम्हा आख़िर में उन्होंने अपना दौरा मुल्तवी कर दिया था।

इंसानी हुक़ूक़ ग्रुप ने मोदी की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करने पर ज़ोर दिया था। साउथ एशिया साले डे ट्री ग्रुप ने कहा कि बर्तानिया के इस तरह के क़ानून का इतलाक़ गुजरात में मुसलमानों की नसल कुशी के लिए ज़िम्मेदार नरेंद्र मोदी पर भी होना चाहीए।

इस क़ानून को इस्तेमाल करते हुए नरेंद्र मोदी पर भी पाबंदी आइद की जानी चाहीए, क्योंकि उन्होंने भी इंसानी हुक़ूक़ की संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ीयां की हैं। इंसानी हुक़ूक़ ग्रुप के तर्जुमान अमृत विल्सन ने कहा कि फ़िलहाल बर्तानिया में इन लोगों के दाख़िला पर पाबंदी है जो क़ौमी सलामती के लिए ख़तरा बन सकते हैं, लेकिन नए क़वानीन के तहत जिन का कल ऐलान किए जाने की तवक़्क़ो है, वुज़रा को ये इख्तेयार हासिल है कि वो ऐसे केसों में वीज़ा जारी करने से इनकार कर दें।

इसका मतलब ये हुआ कि इंसानी हुक़ूक़ की संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ी में मुलव्वस अफ़राद बर्तानिया में दाख़िल नहीं हो सकें गे। दफ़्तार-ए-ख़ारजा ने क़ानून से मुताल्लिक़ तफ्सीलात बताने से इनकार किया और कहा कि पीर की सुबह तक इस बारे में इज़हार ख़्याल पर पाबंदी है।