कांग्रेस नायब सदर राहुल गांधी ने बी जे पी के वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को उनकी खोह में घुस कर ख़िलाफ़वर्ज़ी की| मोदी के कांग्रेस मुफ़्त भारत के नारे पर जहां तीखे तंज कसे, वहीं गुजरात के वज़ीर-ए-आला के पितृ तंज़ीम आर एस एस के नज़रियात पर भी शदीद हमला किया| राहुल ने सिंह के नज़रियात को गांधी का क़ातिल क़रार देते हुए मोदी के चाय वाला कार्ड और पटेल मुहब्बत पर भी हमला किया| उन्होंने कहा, कांग्रेस चाय वाले, किसान और ऑटो वाले तमाम की इज़्ज़त करती है, लेकिन उनकी नहीं जो उल्लू बनाते हैं|
राहुल गांधी ने सरदार पटेल की मूर्ती बनाने की बात पर मोदी की चुटकी लेते हुए कहा कि हम बातें नहीं करते, सरदार पटेल और गांधी जी हमारे दिल में बस्ते हैं और उनके नज़रिया हमारे दिमाग़ में है| कांग्रेस और ग़रीबों के लिए ज़िंदगी वक़्फ़ करने वाले पटेल ने सिंह के नज़रियात को ज़हरीली बताया था| गांधी की मौत के बाद पटेल आर एस एस पर पाबंदी आइद करना चाहते थे| पटेल के ख़्यालात और उन की सोच से नावाक़िफ़ बी जे पी के लीडर अब उन की मूर्ती क़ायम करना चाहते हैं|
रैलियों में मोदी की हक़ायक़ पर मुबनी ग़लतियों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि उन्हें तारीख़ की मालूमात नहीं है| मोदी के क़रीबी और बी जे पी के क़ौमी जनरल सेक्रेटरी मित शाह पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, जेल की हआ खा कर लोग यहां में वज़ीर बन जाते हैं| गुजरात की तरक़्क़ी के मुआमले पर मोदी के दावों पर चुटकी लेते हुए कहा, गुजरात की तरक़्क़ी यहां के अवाम के पसीने से हुआ है, किसी एक शख़्स के कामों से नहीं|
बदउनवानी के मुआमले पर मोदी को घेरते हुए कांग्रेस नायब सदर ने सवाल पूछा कि नौ सालों से गुजरात में लोक आयुक्त क्यों नहीं मुक़र्रर किया गया ? ग़ुर्बत के मसले पर भी नाम लिए बगै़र मोदी पर सख़्त तन्क़ीद की और कहा, कांग्रेस पार्टी ग़ुर्बत को ख़त्म करने की बात करते हैं, लेकिन ये लोग ग़रीब को ही मिटाने की बात करते हैं|
गुजरात यूथ कांग्रेस रियासती हुकूमत की तरक़्क़ी के दावों के ख़िलाफ़ रियासत में तरक़्क़ी तलाश सफ़र निकाल रही है| राहुल भी इस सफ़र में हफ़्ता को शामिल हुए और आठ किलोमीटर पैदल चले| बाद में बारडोली में जल्सा-ए-आम में बोले| पार्लीमेंट में बी जे पी की मुख़ालिफ़त पर राहुल ने कहा, मफ़ाद-ए-आम्मा के 6 बिल पड़े हैं लेकिन बी जे पी वाले उन्हें पास कराने के बजाय पार्लीमेंट से भागते हैं|
राहुल ने रियासत में 11 रुपये कमाने वाले को ग़रीब नहीं मानने पर सवाल उठाया कि रियासत में 38 लाख ख़ानदान बी पी एल हैं, 13 हज़ार स्कूल, 55 हज़ार छोटे और दरमयानी सनअत बंद हो गए, छः हज़ार किसानों ने ख़ुदकुशी कर ली| कछ में सिख किसानों को उनकी ज़मीन से बेदख़ल किए जाने की ज़ोरदार कोशिशें हो रही हैं| फिर भी ये कहते हैं गुजरात चमक रहा है| रियासत में अमीरों की हुकूमत है| हवाई जहाज़ में उड़कर तरक़्क़ी के दावे कर रहे हैं लेकिन यहां किसान भूखे है , क़बाइली ख़ामूश तमाशाई बना है|