जयपुर में नरेंद्र मोदी की रैली में मुसलमानों को खास ड्रेस कोर्ड में आने की हिदायत देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि बीजेपी ने दावा किया है कि पार्टी की अकलीयती सेल की ओर से जारी हिदायत का गलत मतलब निकाला जा रहा है। मुस्लिम हामियों के साथ मज़हब की बुनियाद पर कोई अलगाव नहीं किया गया।
कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने ट्विट करके पूछा है कि मुसलिमों को टोपी और बुर्के में आने का हुक्म देकर बीजेपी कोई ड्रेस लागू करना चाह रही था या वोट बैंक की सियासत कर रही थी। मीडिया को यह सवाल बीजेपी से पूछना चाहिए।
बीजेपी का दावा है कि हिदायत का गलत मतलब निकाला गया। पार्टी ने हिदायत दिया था कि रैली में अगर कोई खातून बुर्का पहन कर आए तो उसे रोका ना जाए। ऐसे इल्ज़ाम लगाए जा रहे थे कांग्रेस की रैली में सेक्युरिटी का हवाला देकर बुर्का में आयी ख्वातीन को रोका गया था।
पार्टी की तर्जुमान ज्योति किरण ने कहा कि रैली में ख्वातीन को उनके रिवायती लिबास में आने की छूट थी। चाहे वह बुर्का पहन कर आई हों या जीन्स। मर्दों को भी टोपी, साफा, पगड़ी पहन कर आने से रोका नहीं गया।
एक और तर्जुमान विमल कटियार ने बताया कि बीजेपी अकलियतों मोर्चा के रियासती सदर अमीन पठान ने हिदायत दी थी कि बुर्का पहन कर आने वाली किसी भी खातून को रैली में आने से न रोका जाए।
इसी तरह की हिदायत पगड़ी, साफा या टोपी पहन कर आने वाले मरदों के लिए थे। लेकिन इस पूरे मामले को गलत तरीके से समझा गया और इसकी गलत तशरीह की गयी। लोगों को रैली में शामिल करने के लिए एसएमएस भेजे गए थे।
मोदी की रैली में खासी तादाद में बुर्का पहनी ख्वातीन शामिल हुईं। कुछ दिन पहले मोदी ने कहा था कि कांग्रेस सेक्युलिरज्म का बुर्का ओढ़ लेती है।
बशुक्रिया: अमर उजाला