मोदी की ताईद के लिए रामदेव ने रखी शर्त

योग गुरु बाबा रामदेव शुरू से ही बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के बड़े हामी रहे हैं। पार्टी की तरफ से मोदी को पीएम कैंडिडेट ऐलान करने से ठीक पहले उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर मोदी नहीं तो बीजेपी को ताईद नहीं। मोदी को बिना शर्त ताईद देने की बात कहने वाले रामदेव ने तो बीजेपी के पीएम कैंडिडेट के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को मनाने की बात कही थी। लेकिन, अब वह ताईद के लिए शर्त रख रहे हैं। रामदेव ने कहा कि आइंदा लोकसभा इंतेखाबात में उनकी तंज़ीम बीजेपी के पीएम ओहदे के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को तभी ताईद देगी जब वह गैर मुल्क में रखे ब्लैक मनी को वापस लाने के बारे में यकीन देंगे।

बाबा रामदेव ने जुमे के रोज़ सहाफियों के साथ बातचीत में कहा, ”हमारे कई मुद्दे हैं। इनमें ब्लैक मनी का मुद्दा सबसे अहम है, क्योंकि गैर मुल्की बैंकों में इतनी रकम है कि अगर वह सब यहां लाया जाए तो मुल्क के हर गांव के हिस्से में करोड़ो रुपये आएंगे। इन रुपयों से हिंदुस्तान के सभी गांव का डेवलप किया जा सकता है।”

रामदेव ने कहा, ”नरेंद्र मोदी अगर मुझे ब्लैक मनी वापस लाने का यकीन देते हैं तभी मैं उनका साथ दूंगा। हालांकि, बीजेपी भी ब्लैक मनी को वापस लाना चाहती है और ज़ाती तौर पर मोदी ईमानदार शख्स हैं। इसलिए मुझे लगता है कि वह भी इस मुद्दे पर अपनी रज़ामंदी जता सकते हैं।बाबा रामदेव ने बताया कि वह नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक रैली करने वाले हैं। इससे पहले वह बीजेपी की कियादत से इन मुद्दों पर बातचीत करेंगे और उनके मुद्दों पर सहमति बनी तभी वह इसी रैली में मोदी को ताईद देने का रस्मी तौर पर ऐलान कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इसके पहले मोदी को फकीर बताने वाले रामदेव ने यहां तक कहा था कि अगर मोदी नहीं तो बीजेपी की ताईद नहीं। वह कई बार कह चुके हैं कि मोदी इस मुल्क के कई मसलों का हल कर सकते हैं। उन्होंने पार्टी की तरफ से पीएम कैंडिडेट के लिए मोदी की ताजपोशी से ठीक पहले उन्हें बहादुर और पीएम ओहदे के लिए सबसे काबिल बताया था। साथ ही बिना शर्त ताईद की बात कही थी। उस वक्त ही रामदेव ने कहा था कि वह 2014 के लोकसभा इलेक्शनो में नरेंद्र मोदी की हामियत में खुलकर तश्हीर करेंगे।

इसके इलावा पिछले साल एक चैनल के साथ इंटरव्यू में मोदी के दामन पर गुजरात दंगों के दाग को रामदेव ने सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मुल्क के बंटवारे के वक्त तकरीबन 10 लाख लोग मारे गए, क्या उसके लिए उस वक्त के वज़ीर ए आज़म पंडित नेहरू जिम्मेदार हैं? अगर उन मौतों के लिए नेहरू जिम्मेदार नहीं है तो फिर गुजरात दंगों के लिए मोदी कैसे जिम्मेदार हैं?