मोदी की नजर मर्कज कि कुर्सी पर

अहमदाबाद [सियासत न्युज ब्युरो]। बिजेपी के ईलेक्शन कमिशन के चेयरमेन‌ बनाए जाने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी की नजर जहां मर्कज‌ पर एक बार फिर अपनी पार्टी को काबिज करने पर है वहीं गुजरात की सभी 26 सीटें हासिल करने के लिए भाजपा महासचिव व प्रदेश प्रभारी ओम माथुर को पोलिग बुथ‌ पर माइक्रो प्लानिंग का काम सौंपा गया है। पिछले तीन दिनों में मोदी और‌ माथुर ने हजारों कारकुनो से मिलकर गुजरात‌ में भाजपा की कमजोर नब्ज को टटोला।
गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने पिछ्ले ईलेक्शन‌ में 15 सीटों पर कब्जा किया था जबकि जिम्नीईलेक्शन‌ में पोरबंदर और‌ बनासकांठा सीट भी उसकी झोली में आ गई थी।
मुख्यमंत्री मोदी अगले लोकसभा इलेक्शन‌ में प्रदेश की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, उसके लिए विधानसभा चुनाव के फार्मूले जिसमें कांग्रेस के सभी उम्मिदवारो को उनकी अपनी सीटों पर हराने की योजना बनाई गई थी, को फिर से दोहराया जा सकता है।
मोदी खुद पुरे देश में भाजपा के मुताबिक माहौल बनाने में लग‌ गए हैं वहीं गुजरात की जिम्मेदारी अपने खास नेता ओम माथुर को सौंपी है। बीते तीन दिनों में माथुर ने प्रदेश की 26 सीटों के हजारों कारकुनो से मुलाकात करके लोकसभा चुनाव पर चर्चा की।
विधानसभा चुनाव में कमजोर परिणाम देने वाले गांवों की विधानसभा वार सूची तैयार कर मकामी एमएलए को इन गांवों में पड़ाव डालने के आर्डर‌ दिए गए हैं।

माथुर शायद ऐसे पहले राष्ट्रीय नेता होंगे जो बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से मिलकर आमचुनाव के दस माह पहले से ही तैयारियों में लगे हैं।
मोदी और‌ माथुर के प्रोग्राम‌ में पार्टी के लिए कठिन सीटों पर खुसुसी ध्यान देने के साथ मकामि कारकुनो और‌ नेताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं से राब्ता कर जोड़ना शामिल है।

पिछले दो विधानसभा चुनाव में वन बूथ टेन यूथ का फार्मूला लागू किया था जिसे अब भाजपा ने नेशनल लेवल‌ पर अपनाया है लेकिन गुजरात केलिए प्लान -2 भी बनाया गया है ताकि सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश में मोदी की पकड़ साबित की जा सके। इसमें कांग्रेस के कब्जे वाली आणंद, खेड़ा, बारडोली जहां के तीनों एमपीज मर्कजी मंत्री भी हैं तथा जामनगर, राजकोट व सुरेन्द्र नगर सीट सबसे मुश्किल मानी जा रही है।

सुरेन्द्रनगर के एमपी सोमाभाई पटेल 2005 में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे उसके बाद के दोनों लोकसभा चुनाव वे कांग्रेस के टिकट पर जीतने में काम्याब‌ रहे। लेकिन मोदी इस बार कोई कसर बाकी नहीं छोडना चाहते इसलिए प्रदेश पभारी माथुरको उन्होंने इस काम में अभी से लगा दिया है।
भाजपा कब्जे वाली लोस सीटें
कच्छ, मेहसाणा, साबरकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व-पश्चिम, जूनागढ, अमरेली, भावनगर, पंचमहाल, वडोदरा, छोटा उदेपुर, भरूच, सूरत नससारी, तथा बनासकांठा व पोरबंदर
कांग्रेस कब्जे वाली लोस सीटें
पाटण, सुरेन्द्रनगर, राजकोट, जामनगर, आणंद, खेड़ा, दाहोद, बारडोली व वलसाड।