मोदी की मुंबई रैली में 10,000 चाय वालों को दावत

बी जे पी को जहां अब चार रियासतों में कामयाबी के बाद नया हौसला मिला है वही अब पार्टी के वज़ारत-ए-उज़मा के ओहदेदार नरेंद्र मोदी की 22 दिसम्बर को होने वाले रैली को शानदार कामयाबी से हमकनार करने एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया जा रहा है।

यही नहीं बल्कि कांग्रेस को ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए मुल्क भर से 10,000 चाय फ़रोशों को भी रैली में मदऊ किया जाएगा। पार्टी के एक रुक्न ने तौसीक़ करते हुए कहा कि मुल्क भर में चाय बेचने वालों की तादाद तो शायद लाखों में होगी लेकिन हम 10,000 चाय फ़रोशों को रैली में मदऊ कररहे हैं और इस के लिए उन्हें बाक़ायदा दावत नामे भी भेजे जा रहे हैं।

याद रहे कि नरेंद्र मोदी ख़ुद को एक मामूली शख़्स तसव्वुर करते हैं और वो हमेशा यही कहते आए हैं कि वो किसी मालदार पस-ए-मंज़र से ताल्लुक़ नहीं रखते बल्कि अपनी ज़िंदगी के शुरुआती दौर में चाय फ़रोख्त किया करते थे लिहाज़ा इस तरह वो मुल्क के आम आदमी से ख़ुद को वाबस्ता करना चाहते हैं ताकि नेहरू। गांधी ख़ानदान को सबक़ सिखाया जा सके।

चाय फ़रोशों को मदऊ करके हम कांग्रेस को पैग़ाम देना चाहते हैं कि आम आदमी को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। एम एम आर डी ए ग्राउंड में होने वाले रैली में रियासत के मुख़्तलिफ़ हिस्सों से लाने केलिए 5000 ख़ानगी बसों और 20 ता 22 ट्रेनों को बुक किया गया है ताकि वर्कर्स को रैली के मुक़ाम तक पहुंचने मुश्किलात का सामना ना करना पड़े।

रैली में शहर के 20,000 तलबा-ए-भी शिरकत करेंगे जो बी जे पी की युवा शक्ति मुहिम के ज़रिया वहां लाएं जाएंगे। पार्टी के एक दफ़्तरी कारकुन ने बताया कि जिस तरह पटना में मोदी की हुंकार रैली को ज़बर्दस्त कामयाबी मिली थी, रियासती यूनिट इसी कामयाबी का शकल‌ करना चाहती है।

याद रहे कि हालिया दिनों में कांग्रेस ने मोदी की जानिब से ख़ुद को एक खराब‌ शख़्स ज़ाहिर करने को अवाम के जज़बात से खिलवाड़ करने से ताबीर किया था और दिग्विजय‌ सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि एक चाय वाला भी मुल्क का वज़ीर-ए-आज़म बन सकता है। दूसरी तरफ़ समाजवादी पार्टी एम पी नरेश अगरावल ने भी मोदी पर ये कहकर कि चाय ख़ाने से उभरे शख़्स के पास सियासी सूझबूझ कैसे होसकती है एक नया तनाज़ा पैदा करदिया था लेकिन मोदी ने इन बातों का बुरा नहीं माना बल्कि उसे शर में ख़ैर के पहलू से ताबीर किया।