मोदी की मेहरबानी भारतीय यहूदी भी अल्पसंख्यक श्रेणी में शामिल होंगे

नई दिल्ली: भारत में यहूदियों की आबादी नाममात्र है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की कृपा से उन्हें बहुत जल्द अल्पसंख्यक स्टैंड दे दिया जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 2 सप्ताह पहले विधि एवं न्याय मंत्रालय से कहा था कि यहूदियों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के लिए कानूनी संभावनाएं तलाश किए जाएं और अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी विधि मंत्रालय को निर्देश दिया है कि विशेष में  कार्य‌रवाई की जाए।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निर्देश के मद्देनजर यह काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है और कानून मंत्रालय अंदरून एक माह अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी जबकि जैन समुदाय को अल्पसंख्यक स्टैंड प्रदान करने के मुद्दे पर अंतिम फैसला लिए 4 साल का समय लग गया था, यह प्रस्ताव 2011 में पेश करने पर वर्ष 2014 में मंजूरी मिली थी। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महीने जून दौरा इसराइल की संभावना के मद्देनजर यहूदियों को अल्पसंख्यक स्टैंड प्रदान करने की कार्य‌वाई में तेजी पैदा कर दी गई है जबकि नरेंद्र मोदी पश्चिमी एशिया के देश का दौरा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे और वे प्रस्तावित दौरे को यादगार बनाना चाहते हैं और अपनी यात्रा इसराइल के अवसर पर यहूदियों को अल्पसंख्यक स्टैंड प्रदान करने का बतौर उपहार घोषणा कर सकते हैं।

इस बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सूत्रों ने बताया कि देश में यहूदियों के बारे में सभी विवरण महीने जनवरी में पीएमओ को भेज दी गई है। 1950 में यहूदियों के लायक मामले संख्या इसराइल चली गई है। एक अनुमान के अनुसार 50 हजार भारतीय मूल यहूदियों ने वहाँ रहना अपनाया है।