लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मद्देनज़र भाजपा ने सोमवार (दो जनवरी) को लखनऊ में महारैली का आयोजन किया है | रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे इसको देखते हुए पार्टी ने इसकी जबरदस्त तैयारी की है| भाजपा के दावे के मुताबिक़ यह अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली होगी|
हैरानी की बात ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा ने रैली के लिए लगाए गए पोस्टरों-बैनरों पर जगह नहीं दी है| रैली के लिए के लिए बनाये गये चुनावी मंच पर भी अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर नहीं लगी है| मंच के दोनों साइड पिलर पर एक तरफ पीएम मोदी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर लगी है| वाजपेयी की तस्वीर भगवा रंग के इस मंच में कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है| जबकि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से पार्टी के सांसद भी रहे हैं |
महारैली के लिए बनाए गये मंच के बैकग्राउंड में बड़ा सा कमल का फूल बना हुआ है| परिवर्तन लाएंगे, कमल पार्टी का नारा भी लिखा हुआ है | इस रैली को कामयाब बनाने के लिए पार्टी ने अपनी पूरी कोशिश की है | रैली रमाबाई अंबेडकर मैदान में होने वाली इस महारैली के मंच में पीएम मोदी और अमित शाह, राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र सहित उमा भारती की तस्वीरों को जगह दी गई है|
पार्टी का अनुमान है कि इसमें करीब आठ से 10 लाख लोग आएंगे और बीजेपी के दावे के मुताबिक़ यह अब तक कि सबसे बड़ी रैली है| यूपी में विधानसभा चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए पीएम नोटबंदी के अपने फैसले के फायदे गिनाएंगे|
शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब वाजपेयी पार्टी द्वारा आयोजित किसी कार्यक्रम या रैली के मंच से गायब रहे हैं|सूत्रों के मुताबिक़ कार्यताओं के बीच तमाम तरह की चर्चा मंच पर वाजपेयी को मंच में जगह न मिलने से शुरू हो गई है| इससे पहले मंच में एक खास जगह वाजपेयी की कर्मभूमि होने के नाते उनको दी जाती रही है|