नई दिल्ली, 03 मार्च: कैग की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी के सदारत वाली गुजरात हुकूमत पर संगीन इल्ज़ाम लगाए गए हैं। मंगल के दिन विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात की सरकारी कंपनियों ने निजी सनअती घरानों को ‘नामुनासिब फायदा’ देकर सरकारी खजाने को 200 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान पहुंचाया।
गुजरात सरकार की कंपनियों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एस्सार स्टील और अडानी पावर लिमिटेड को ‘नमुनासिब फायदा’ दिया।
रियासती हुकूमत ने फोर्ड इंडिया और लार्सन एंड टुब्रो जमीनें दस्तयाब कराने के लिए नियमों में भी फेरबदल कर डाले। कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात सरकार की कंपनी गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड (जीएसपीएल) और रिलायंस इडस्ट्रीज ने गैस सप्लाई के लिए करार किया था।
करार के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने केजी बेसिन डी-6 से आ रही गैस को भरूच से जामनगर की अपनी रिफाइनरी तक पहुंचाने के लिए जीएसपीएल की पाइप लाइन का इस्तेमाल किया।
हालांकि इसके लिए करार के मुताबिक अदायगी नहीं की गयी, जिससे सरकारी खजाने को 52 करोड़ 27 लाख रुपए को नुकसान हुआ।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में इल्ज़ाम आइद किया है कि जीएसपसीएल ने हुकूमत के हितों को ताक पर रखकर रिलायंस को फायदा पहुंचाया।
इसी तरह सरकारी कंपनी गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) ने करार के मुताबिक काम न करने पर अडानी पावर लिमिटेड से 160 करोड़ रुपए का जुर्माना नहीं वसूला।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात सरकार ने फोर्ड इंडिया लिमिटेड और लॉर्सन एंड टूब्रो के लिए नियमों को ताक पर रखकर जमीन का अलाटमेंट किया।