बी जे पी के वज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमा भाई मोदी ने नरेंद्र मोदी की ज़ात के बारे में सवाल पूछने पर कांग्रेस से माज़रत ख़्वाही का मुतालिबा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ज़ात पात का सवाल उठाने और अवाम को गुमराह करने पर माज़रत ख़्वाही करनी चाहिए।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस की ये सोची समझी मंसूबा बंदी है। नरेंद्र मोदी जब वज़ीर-ए-आला भी नहीं बने थे उस वक़्त से ही उनके पास (Other Backward caste) यानी ओ बी सी का सर्टीफ़िकेट है। सोमा भाई को कांग्रेस के इस इद्दिआ पर एतराज़ है कि नरेंद्र मोदी वेश्या ख़ानदान में पैदा हुए जो आला ख़ानदान तसव्वुर किया जाता है जिनका लक़ब मोध होता है। जैसे मोध ब्राह्मणस और मोध बनिया।
कांग्रेस का ख्याल था कि मोदी का ख़ानदान मोध घांची वेश्या सब कास्ट से ताल्लुक़ रखता है। मोदी का ताल्लुक़ आला ज़ात के ख़ानदान से है इसके सबूत के तौर पर कांग्रेस ने हुकूमत गुजरात के एक जनवरी 2002 की एक क़रारदाद भी पेश की है जिस में मोदी ने रियासत गुजरात के वज़ीर-ए-आला बनने के सिर्फ़ चार माह बाद गुजरात में पाई जाने वाली अक़ल्लियती ज़ात मोध घांची ज़ात को दीगर पसमांदा तबक़ात के ख़ाने में दर्ज किया था।
दूसरी तरफ़ गुजरात असेंबली के साबिक़ अपोज़ीशन क़ाइद शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि कांग्रेस ने हुकूमत गुजरात की क़रारदाद क़ानून बराए हक़ मालूमात (RTI) के तहत हासिल की है। गोहिल ने कहा कि अपने ख़ुद मक़ासिद की पूरा करने के लिए मोदी ने पसमांदा तबक़ात का मौक़िफ़ हासिल करते हुए हक़ीक़तन पसमांदा तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वालों की हक़तलफ़ी की है।
मोदी एक ऐसे शख़्स हैं जो आला ज़ात के ख़ानदान में पैदा हुए लेकिन सियासत बिलकुल निचले दर्जा की कररहे हैं। किसी भी इंसान के अमल का ताल्लुक़ उसकी ज़ात पात से नहीं होता जिस की ज़िंदा मिसाल आँजहानी डाक्टर बाबासाहब अंबेडकर हैं।