मोदी के अमेरिकी भाषण से कितने लोगों को मिली रोटी

ताज़ा ख़बर ये है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच मुल्कों के दौरे को पूरा कर के वापिस आ गए हैं. आज ये ख़बर जब मैंने पढ़ी तो मुझे एक राहत हुई कि चलो देश का प्रधानमंत्री अब देश में तो है. असल में एक बड़ा तबक़ा इस बात से परेशान है कि मोदी क्यूँ इतना घूम रहे हैं यहाँ तक कि कुछ लोग उन्हीं की पार्टी के भी इस बात को लेकर परेशान हैं. परेशान तो खैर मैं भी हूँ लेकिन मैं तो फिर आम इंसान हूँ.

पिछले दिनों इस बारे में कई लोगों ने कमेंट किये कि मोदी जी इतना बाहर क्यूँ जाते हैं, क्या उन्हें बाहर ही रहना है और न जाने क्या क्या. इसी फ़ेहरिस्त में एक कमेंट या यूं कहें कि कई कमेंट शिव सेना की तरफ़ से भी आये. तल्ख़ लहजे में पार्टी ने कहा कि मोदी कभी स्विट्ज़रलैंड रहते हैं, कभी ईरान..देश के लोग कब उनसे अपनी परेशानी कहें. वैसे प्रधानमंत्री तक पहुंचना आम इंसान के लिए आसान भी कहाँ है, अब वो बुंदेलखंड में मरे या दादरी में.. क्या ही फ़र्क पड़ता है.

दूसरा उनकी पार्टी और उनसे जुड़े लोग उनके विदेश में होने का अच्छा फ़ायदा उठाते हैं, ठीक उसी वक़्त जब प्रधानमंत्री अमेरिका में मशहूर भाषण दे रहे थे, साध्वी प्राची के मुसलमान-मुक्त भारत के भाषण की चर्चा हो रही थी. एक तरफ़ जहां लोग सूखे से जूझ रहे हैं उनकी पार्टी के लोगों को दादरी में राजनीति करने से फ़ुर्सत नहीं. गुजरात और हरयाणा में चल रहे आरक्षण को लेकर आन्दोलन पर प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं किसी को कुछ पता नहीं चल रहा. पहली बार ऐसा लग रहा है जैसे देश बिना प्रधानमंत्री के चल रहा हो. एक ओर जहां हर ज़रूरी चीज़ के दाम अपनी मर्ज़ी से बढ़ रहे हैं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मेक्सिको में प्रेस वार्ता कर रहे हैं.

बहरहाल प्रधानमंत्री पांच मुल्कों की यात्रा को पूरा कर आये हैं और NSG जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई है, मेक्सिको में अच्छी प्रेस वार्ता हुई है और तो और अमेरिकी कांग्रेस में नरेंद्र मोदी का भाषण, जिसे कुछ  मीडिया वालों ने किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला बताया था, बाद में किरकिरी के बाद इतिहास को ठीक किया और बताया इससे पहले कई लोग भाषण दे चुके हैं, मोदी का भाषण कामयाब रहा. सुना है साथ साथ बार लोगों ने उठकर तालियाँ बजायीं, चलिए आठ बार मैं नहीं चाहता कोई भी ‘भक्त’ नाराज़ हो लेकिन बड़ा सवाल ये है कि उस भाषण से कितने हिन्दुस्तानियों को रोटी मिली? क्या बुंदेलखंड की समस्या सुधर गयी? क्या दादरी में इंसाफ़ हो गया?

इन सवालों के जवाब सभी को पता है इसीलिए मोदी जी से निवेदन है कि आप घूम लिए बहुत मुल्क अब प्लीज कुछ काम करिए

 

(अरगवान रब्बही)