नई दिल्ली: देश भर में नोटबंदी की आलोचना हो रही है. भारत के साथ पूरी दुनिया के अर्थशास्त्री नोटबंदी की आलोचना कर चुके हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के दो पूर्व गवर्नर वाई वी रेड्डी और बिमल जालान के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने भी केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाए हैं.
नेशनल दस्तक के अनुसार, एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में अमर्त्य सेन ने कहा कि नोटबंदी कालाधन को सिस्टम से हटाने में असफल रहा है, हालांकि मोदी को संदेह का लाभ मिलता रहेगा. लोग सोच रहे हैं कि प्रधानमंत्री कालाधन खत्म करने के लिए कुछ कर रहे हैं. इसी संदेह का लाभ मोदी को मिलता रहेगा. यह विचार है कि धनी लोगों को दिक्कत हो रही है, गरीबों को भा रहा है.
उन्होंने नोटबंदी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आजकल बैंक कोई फैसले नहीं करता, सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं.
सेन ने आगे कहा कि रघुराम राजन के कार्यकाल में आरबीआई काफी स्वतंत्र था. उसके लिए आई जी पटेल और मनमोहन सिंह जैसे अच्छे लोगों ने काम किया है. इससे पहले रेड्डी और जालान भी रिजर्व बैंक की स्वायत्ता बचाए रखने पर जोर दे चुके हैं.