जेडीयू के सियासी कोन्फ्रेंस में साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार ने लोगों को ऐलान किया कि वे नरेन्द्र मोदी के झूठ का जवाब दें। उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि मोदी हुकूमत की मकबूलियत में बिहार का तरक़्क़ी शामिल नहीं है। यही वजह है कि मरकज़ में हुकूमत बनते इंदिरा रिहाइशगाह और मनरेगा की रकम में कटौती कर दी गई। कुमार शहर के गांधी मैदान में पार्टी के बूथ और देही सतह से लेकर पंचायत, ब्लॉक व जिला सतह कर्कुनान को जुमा को खिताब कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोकसभा इंतिख़ाब में आवाम का हिमायत और साथी नहीं मिलने के बाद जब इस्तीफा दिया तो भाजपा ने पहले दिन कहा कि मुसलमान के लिए इत्तिहाद तोड़ा है, दूसरे दिन इस्तीफा मांगा और जब इस्तीफा दिया तो कहने लगे कि एक्टिंग कर रहे हैं। अब कहते हैं कि रिमोर्ट कंट्रोल से हुकूमत चला रहे हैं। उन्होंने सियासी कोन्फ्रेंस में जुटे कारकुनान और दीगर लोगों से दरख्वास्त की कि उन्हें भाजपाईयों के इस अफवाह का काट करना ही होगा।
मोदी हुकूमत पर इंतिख़ाब के दौरान तीस दिनों के अंदर बाइरून मुल्कों में जमा ब्लाक मनी लाने व इंतिख़ाब जीतने के बाद इस सिलसिले में गलत बयानबाजी करने की बहस करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तो फेहरिस्त जारी की वह भी आधी-अधूरी। बिहार को खुसुसि रियासत का दर्जा देने की मांग को लेकर मरकज़ और रियासत भाजपा पर वादाखिलाफी का इल्ज़ाम लगाया।
पहले कहते थे कि मरकज़ में हुकूमत बनी तो खुसुसि रियासत का दर्जा मिलने के साथ ही खुसुसि पैकेज भी मिलेगा और अब कहते हैं कि बिहार में भी बीजेपी की हुकूमत बनी तो खुसुसि रियासत का दर्जा और खुसुसि पैकेज भी मिलेगा। उन्होंने कारकुनान से समाज को बांटने वालों के खिलाफ जान की बाजी लगाने की दरख्वास्त की।
बीजेपी के मौजूदा रियासती सदर राजनाथ सिंह, नरेन्द्र मोदी व बाबा रामदेव को बीजेपी का मेंटर बताते हुए लोकसभा इंतिख़ाब के दौरान मुखतलिफ़ मुद्दों पर उनके दिए गए तक़रीरों की रिकॉडिंग माइक के जरिए उन्होंने लोगों को सुनाई। इस दौरान भीड़ में शामिल लोगों ने खूब तालियां बजाई। वहीं एक बार माइक की आवाज फंसने पर पंडाल में बैठी एक खातून ने कहा कि भाजपा वालों का बाजा है और इसीलिए वे इसे खराब कर दिए हैं। इस पर लोगों ने खूब ताली बजाई।