गुजरात के वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी को लोक सभा इंतेखाबात से पहले कानूनी शिकंजे में कसने के लिए सीबीआइ ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच का काम तेज कर दिया है। इस मामले के अहम मुल्ज़िम साबिक आइपीएस आफीसर डीजी वंजारा से राज उगलवाने के साथ ही जांच की आंच वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी के दफ्तर तक पहुंच गई है।
साबरमती जेल में बंद वंजारा से गत तीन दिनों से पूछताछ कर रही सीबीआइ टीम ने हफ्ते को सीएमओ में इजाफी चीफ सेक्रेटरी के ओहदे पर तैनात ए के शर्मा और जी सी मुर्मू से गांधी नगर वाकेय् बीएसएफ कैंप में पूछताछ की। दोनों अफसरों से बर्खास्त आइपीएस जी एस सिंघल की दी गई सीडी व पेन ड्राइव के बारे में सवाल किए गए।
बताया जाता है कि अमित शाह को बचाने को लेकर हुई बहस की यह सीडी पेन ड्राइव में है, जिसे सिंघल ने तैयार किया था।
गुजरात हुकूमत को इस्तीफे के साथ खत लिखकर आड़े हाथ लेने वाले वंजारा सीबीआइ के लिए अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। एजेंसी वंजारा के हुकूमत को लिखे उस खत की तह तक पहुंचना चाहती है, जिसमें फर्जी मुठभेड़ के लिए जीरो टोलरेंस की पालिसी को जिम्मेदार ठहराते हुए साबिक वज़ीर ए दाखिला ( रियासती) अमित शाह पर इल्ज़ाम लगाए गए थे। बकौल वंजारा, शाह ने ही वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी को गुमराह कर जेल में बंद पुलिस अफसरों की मदद नहीं करने दी।
ज़राए के मुताबिक, सिंघल की तरह ही वंजारा भी खुद के लिए जमानत और दूसरे मामलों में नहीं फंसाने की शर्त पर सरकारी गवाह बनने को तैयार हैं।
मालूम हो कि , सीबीआइ ने सरकारी गवाह बनने के बाद सिंघल के खिलाफ 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं किया था जिससे अदालत से उन्हें जमानत मिल गई थी।
इशरत जहां फर्जी एंकाउंटर में शामिल होने की वजह से जेल में बंद साबिक इजाफी पुलिस डायरेक्टर जनरल (Additional Director Genera) l पी पी पांडे की सेक्युरिटी बढ़ा दी गई है। साबरमती जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के दहशतगर्दो की तरफ से हमला किए जाने के खदशे/ इम्कान के मद्देनजर पांडे को वाई कटेगरी की सेक्युरिटीइ मुहैया कराई है।
—————-बशुक्रिया: जागरण