अहमदाबाद, 28 मार्च: ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका भी गुजरात के वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी के साथ पुराने गिले-शिकवे भूलकर दोस्ती का नया सफर शुरू करने की तैयारी में है।
इसी मरहले में पहला कदम बढ़ाते हुए आज ( जुमेरात) अमेरिकी रुकन पार्लीमेंट और सनतकारों के एक आली सहती वफद ने मोदी से मुलाकात की और उन्हें अपने मुल्क आने की दावत दी।
2002 के गुजरात दंगों के बाद से अमेरिका ने गुजरात से अपनी दूरियां बना ली थी और 2005 में मोदी को यूएस का वीजा भी नहीं दिया गया था। अमेरिकी वफद के सदस्यों गुजरात के सीएम की तारीफ की।
यूएस सांसद एरॉन स्कॉक ने कहा, ‘हमने वज़ीर ए आला मोदी को अमेरिका आने का दावत दिया है और उनसे गुज़ारिश किए है कि उन्होंने रियासत में जो कुछ हासिल किया है, उससे हमें रूबरू कराएं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस दावत का मतलब है कि अमेरिका मोदी को वीजा देने के अपने फैसले को बदलने पर गौर कर रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘यकीनि तौर पर यह मामला अमेरिकी इंतेज़ामिया का है, लेकिन दूसरे रिपब्लिकन एमपी ( MPS) समेत हम हुकूमत पर दबाव बनाएंगे। हमने यहां जो कुछ देखा, उससे काफी मुतास्सिर हैं। खासतौर से उनके बयान में ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस (कम अज़ कम हुकूमत , ज़्यादा से ज़्यादा हुकूमत) से हम ज़्यादा मुतास्सिर हुए, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी के एमपी होने के नाते हमारी सोच भी यही है।
एनआरआई बिजनेसमैन शलभ कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल जून तक मोदी अमेरिका का दौरा करेंगे। इस वफद की हिंदुस्तान के दौरे के पीछे शलभ कुमार ने खास किरदार निभाए है।
हालांकि मोदी के दफतर की ओर से अमेरिका दौरे को लेकर कोई तब्सिरा नहीं है। अमेरिकी वफद में व्योमिंग से खातून एमपी सेंथिया लुमिस और वाशिंगटन की एमपी कैथी एम रोजर्स भी शामिल थीं। लुमिस ने रियासत की तरक्की और कियादत की सलाहियत को लेकर मोदी की तारीफ की।