बिहार भाजपा ने अगामी 9 सितम्बर को अहमदाबाद में मुनक्कीद होने वाले आलमी ज़राअत कोंफ्रेंस में शिरकत के लिए 126 किसानों को भेजने के लिये नरेंद्र मोदी की तरफ से दिये गये न्योते को रियसती हुकूमत की तरफ से ठुकराए जाने पर नाराजगी ज़हीर की है।
गुजरात हुकूमत ने अहमदाबाद में मुनक्कीद मजकुरह तीन रोज़ा कोंफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए बिहार के मुखतलिफ़ अजला से 126 किसानों को भेजे जाने की दरख्वास्त किया था। गुजरात हुकूमत ने यह भी वादा किया था कि अहमदाबाद आने वाले इन किसानों का वह सफर और दीगर अखरजात भी बरदस्त करेगी। नाम का खुलासा नहीं किए जाने पर ज़राये ने बताया कि साबिक़ में इसके लिए किसानों के सलेक्शन की अमल भी शुरु की गयी थी पर बाद में उसे सियासी बैठक बताते हुए हुकूमत ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। किसानों को गुजरात नहीं भेजने के नीतीश हुकूमत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए बिहार के साबिक़ नायब वज़ीरे आला सुशील कुमार मोदी ने इल्ज़ाम लगाया कि नरेंद्र मोदी से सियासी इख्त्लाफ़ात होने की वजह से वज़ीरे आला नीतीश कुमार गुजरात के साथ एक अलग रियासत के तौर में सुलूक कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि तरक़्क़ी के दरमियान सियासत को नहीं लाया जाना चाहिए और अगर ऐसा ही जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब नीतीश बिहार से किसी को भी गुजरात जाने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात में मुनक्कीद होने वाले उस किसान कोंफ्रेंस में भाग लेने पर बिहार के किसान ज़राअत शोबे की जदीद बातों से वाकिफ होते। सुशील मोदी ने कहा कि मजकुरह कोंफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए बिहार भाजपा मुखतलिफ़ अजला से किसानों को अपने सतह पर अहमदाबाद भेजेगी।