मोदी के बैत उल-ख़ला तबसरा को मध्य प्रदेश से ताईद

नरेंद्र मोदी के पहले बैत उल-ख़ला बाद में मंदिर को मध्य प्रदेश ख़वातीन कमीशन की साबिक़ सदर नशीन स्वेता इनामदार की ताईद हासिल हुई है। ख़ुद को किसी भी सियासी पार्टी से वाबस्ता किए बगै़र उन्होंने कहा कि ज़्यादा मंदिरों की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि मंदिर तो हमारे दिल में होता है। इंसानों के साथ सुलूक ज़्यादा एहमीयत रखता है। बैत उल-ख़ला मंदिरों से ज़्यादा ज़रूरी है।

स्वेता इनामदार ने पानी की मुनासिब सहूलत के साथ बैत उल-ख़लाओं की तामीर पर ज़ोर देते हुए कहा कि ये मसला इंतिहाई अहम है। हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के अवामिल को तरक़्क़ी देना चाहीए। उन्होंने कहा कि कई इलाक़ों में बुनियादी सहूलत का फ़ुक़दान है। लोग मंदिरों के पास भी रफ़ा हाजत कररहे हैं। रिटायर्ड आई पी ऐस ओहदेदार और वाई चांसलर जबल पुर रांगी दुर्गावती यूनीवर्सिटी अरूण गरटो ने कहा कि वो मोदी के बयान की ताईद करते हैं क्योंकि ये एक साइंटिफिक अंदाज़ फ़िक्र है।