नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से ही पूरे देश में खलबली मची हुई है. इस अचानक के बदलाव से सबसे ज़्यादा नुक़सान मरीज़ों और उनके तीमारदारों को हो रहा है या उन लोगों को जो रोज़ कमाकर रोज़ खाते हैं.
सरकार ने जहां सरकारी अस्पतालों को लेकर तो ये कह दिया कि वहाँ नोट चलेंगे, प्राइवेट अस्पतालों को लेकर स्थिति साफ़ नहीं थी, इसी वजह से कई अस्पतालों ने 500 और 1000 रुपए को लेने से मना कर दिया.इनमें से कुछ अस्पताल तो ऐसे हैं जो ख़ुद केन्द्रीय सरकार में मंत्रियों के हैं.
नॉएडा में कैलाश हॉस्पिटल के नाम से केन्द्रीय राज्य मंत्री महेश शर्मा के अस्पताल में भी कुछ इसी तरह का माहौल रहा.अफ़रातफ़री के माहौल में अस्पताल प्रशासन ने 500 और 1000 के नोट लेने से साफ़ इनकार कर दिया.
हालाँकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी में दाख़िल मरीज़ों के 500 और 1000 के नोट ले लिए जा रहे हैं लेकिन नए के नहीं.